मध्यप्रदेश में भाजपा ने छह एव कांग्रेस ने नौ हारे उम्मीदबारो पर खेला दांव



योगेन्द्र जैन- भले ही भाजपा मिशन 29 एव कांग्रेस का दावा भी 25 से ज्यादा सीटे हासिल करने का हो लेकिन दोनों ही दलों के पास जिताऊ प्रत्याशी का टोटा है भाजपा ने अभी तक 21 उम्मीदबारो को मैदान में उतारा है उसमें 6 प्रत्याशी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में मत खा चुके है। भाजपा के अलावा कांग्रेस का भी बुरा हाल है 28 उम्मीदबारो में से 9 हारे हुए उम्मीदवारों पर फिर से उम्मीदबार बनाया है।
ग्वालियर में कांग्रेस ने चौथी बार अशोक सिंह यादव पर विश्वास जताया है जबकि वो ग्वालियर से 2007,2009,2014 का लोकसभा चुनाव हारे है इसी प्रकार  2018 का विजयपुर से विधानसभा चुनाव हार चुके रामनिवास रावत को मुरैना से लोकसभा का उम्मीदबार बनाया है जबलपुर से विवेक तन्खा 2014 का लोकसभा चुनाव हारे थे सीधी से अजय सिंह जो सतना से 2014 लोकसभा चुनाव एव चुरहट से 2018 विधानसभा चुनाव हार चुके है बालाघाट मधु भगत जो 2018 में विधानसभा चुनाव हरी,सतना से राजाराम त्रिपाठी,मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन 2014 का लोकसभा चुनाव हारी, खंडवा से अरुण यादव 2014 लोकसभा एव2018 विधानसभा चुनाव हारे, विदिशा से शैलेन्द्र पटेल जो विधानसभा चुनाव हारे इसी प्रकार भाजपा ने भी उज्जैन अनिल फिरोजिया 2018 का विधानसभा चुनाव हारे,शहडोल से हिमादि ,बालाघाट से ढाल सिंह बिसेन,खरगोन से गजेंद्र पटेल ,ग्वालियर से  विवेक शेजवलकर जो 1998 में विधानसभा चुनाव हार चुके है

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