जबलपुर-विश्व वंदनीय आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा एक समय ऐसा आयेगा जब वर्तमान की सारी विद्याये समाप्त हो जायेगी।अग्नि समाप्त हो जायेगी। इस बात को हमे ध्यान रखना होगा। इसी के साथ प्रक्रति के संरक्षण की दिशा में समर्पित होना होगा
उदगार प्रकट करते हुए आचार्य भगवन ने कहा कच्चा खा नही सकते। ऐसा इसलिये क्योकि उसमे दोष होते है। पकाकर खाना ही उचित है। इसमे अग्नि की महत्ता है जठारग्नि से पाचन होता है।जब जठारग्नि कमजोर होती है, तो पाचन कमजोर हो जाता है। अग्नि वह देवता है जो कच्चे को पक्का बना देता है। कच्चा खाने से कब्ज हो जाता है। जबकि पका हुआ खाने से पेट ठीक रहता है। गुरुवर ने कहा आजकल सोर ऊर्जा का प्रचलन हो रहा है। इससे रोग पैदा होने की आशंका पैदा हो गईं है। लोगो ने जब से आधुनिक जीवन जीना शुरू किया तो उनका स्वास्थ्य प्रभावित होंने लगा है। पहेले नीम बबूल की अग्नि का प्रचलन था । अब वह गुजरे जमाने की बात हो गयी अब केमिकल तत्वों से पूरा जीवन घिर गया है। इससे शरीर का खून पतला होने लगा है। पशुओं के अभाव से कंडो का अभाव देखने को मिल रहा है। पहले गोबर के ईंधन से बहुत समस्या हल हो जाती थी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी
उदगार प्रकट करते हुए आचार्य भगवन ने कहा कच्चा खा नही सकते। ऐसा इसलिये क्योकि उसमे दोष होते है। पकाकर खाना ही उचित है। इसमे अग्नि की महत्ता है जठारग्नि से पाचन होता है।जब जठारग्नि कमजोर होती है, तो पाचन कमजोर हो जाता है। अग्नि वह देवता है जो कच्चे को पक्का बना देता है। कच्चा खाने से कब्ज हो जाता है। जबकि पका हुआ खाने से पेट ठीक रहता है। गुरुवर ने कहा आजकल सोर ऊर्जा का प्रचलन हो रहा है। इससे रोग पैदा होने की आशंका पैदा हो गईं है। लोगो ने जब से आधुनिक जीवन जीना शुरू किया तो उनका स्वास्थ्य प्रभावित होंने लगा है। पहेले नीम बबूल की अग्नि का प्रचलन था । अब वह गुजरे जमाने की बात हो गयी अब केमिकल तत्वों से पूरा जीवन घिर गया है। इससे शरीर का खून पतला होने लगा है। पशुओं के अभाव से कंडो का अभाव देखने को मिल रहा है। पहले गोबर के ईंधन से बहुत समस्या हल हो जाती थी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी
