बूंदी-गणिनीआर्यिका विशुद्धमती माताजी व संगममती माताजी ससंघ का मंगल प्रवेश सोमवार को शहर में हुआ। सरावगी समाज अध्यक्ष के नेतृत्व में जैन समाज के महिला-पुरुषों ने सर्किट हाउस चौराहे पर माताजी की अगवानी की।
इसके बाद बैंडबाजों से जुलूस के रूप में कलेक्ट्री रोड, अहिंसा सर्किल, रघुवीर भवन, एकखंभा छतरी, कोटा रोड होते हुए चौगान जैन मंदिर पहुंचे। ससंघ के चौगान जैन मंदिर पहुंचने पर सिंहद्वार के बाहर माताजी की आरती उतारी गई। माताजी का ससंघ रामगंजबालाजी से विहार कर शहर में मंगल प्रवेश हुआ है। ससंघ में कुल 17 पिच्छी हैं। चौगान जैन सभागार में माताजी विशुद्धमति माताजी के मंगल प्रवचन हुए।
उन्होंने संबोधन में समाजबंधुओं से कहा कि जैन धर्म विश्व का सबसे बड़ा धर्म है। यह धर्म सत्य के मार्ग पर ले जानेवाला है। हमें कभी भी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमेशा सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।
इसके बाद बैंडबाजों से जुलूस के रूप में कलेक्ट्री रोड, अहिंसा सर्किल, रघुवीर भवन, एकखंभा छतरी, कोटा रोड होते हुए चौगान जैन मंदिर पहुंचे। ससंघ के चौगान जैन मंदिर पहुंचने पर सिंहद्वार के बाहर माताजी की आरती उतारी गई। माताजी का ससंघ रामगंजबालाजी से विहार कर शहर में मंगल प्रवेश हुआ है। ससंघ में कुल 17 पिच्छी हैं। चौगान जैन सभागार में माताजी विशुद्धमति माताजी के मंगल प्रवचन हुए।
उन्होंने संबोधन में समाजबंधुओं से कहा कि जैन धर्म विश्व का सबसे बड़ा धर्म है। यह धर्म सत्य के मार्ग पर ले जानेवाला है। हमें कभी भी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमेशा सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए।
शाम 6 बजे विशुद्धमती माताजी का विहार तालाब गांव के लिए हुआ। सुबह 5 बजे नयागांव के लिए विहार होगा। आहारचर्या बड़ानयागांव में होगी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
