भगवान की भक्ति से मिली सुंदरता ही श्रेष्ठ : आचार्य विमद सागर जी



गामड़ी-आचार्य विमद सागर  जी महाराज ने कहा कि चेहरे को सुंदर दिखाने के लिए ब्यूटी पार्लर में कराया मेकअप अल्प समय के लिए होता हंै। उसको देखकर कोई प्रभावित नहीं होगा। ये महज मन का वहम है। भगवान की भक्ति से मिली सुंदरता सर्वश्रेष्ठ होती हंै। भक्ति मार्ग से मिली सुन्दरता से आचरण सुंदर होगा। आचरण सुंदर होगा तो सुंदरता को चार चांद लग जाएंगे। आचार्य महाराज मंगलवार को गामड़ी गांव के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा में प्रवचन कर रहे थे। आचार्य ने कहा कि श्रावक श्रद्धावान, विवेकवान एवं क्रियावान होता है। भगवान की पूजा विवेक से करो, पानी की मर्यादा 48 मिनट की होती है। भगवान का अभिषेक पानी को गर्म करके करें। कच्चे पानी से नहीं करें। ब्यूटी पार्लर करना पाप कर्म का उदय है जो सुंदर है उसे श्रृंगार की आवश्यकता नहीं होती। भगवान की भक्ति से मिली सुन्दरता अंत तक रहती है। आचार्य ने कहा कि माता सीता, अंजना की तरह आचरण एवं चरित्र से सुंदर बनो। कोयले एवं भैंस का उदाहरण देते आचार्य ने कहा कि कोयले को दूध से धो दो या भैंस को कलर कर दो फिर भी ये काले ही रहेंगे। श्रीपाल राजा को कुष्ठ रोग हो गया तब भगवान व गुरु की भक्ति की। सिद्ध पुरुषों की आराधना की। इससे उनका कुष्ठ रोग समाप्त हो गया। भगवान की भक्ति, गुरु की सेवा से सुंदर एवं स्वस्थ शरीर की प्राप्ति होती है।
       संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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