आप सब मुझे चढा रहे है; मैं अपने आप को चढ़ा देता हूं आचार्य श्री


शहपुरा-आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने कहा आप सब मुझे चढ़ा रहे है, मैं अपने आपको ही चढ़ा देता हूं। विनोदपूर्वक यह बात आचार्य श्री ने कही वे दयोदय से 88 दिन के प्रवास उपरांत शहपुरा पहुंचे। वहाँ धर्म सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा जीवन मे अटल परिश्रम अति आवश्यक है। इसके बिना प्रगति परिलक्षित नही होती। आचार्य श्री ने अपने संदेश में कहा मोह कम करो। जितना इकठ्ठा करोगे,वह सारा आपके साथ जाने वाला नही है। जितना त्याग करोगे उतना ही अच्छा है। भीतर से मोह छोड़ना अनिवार्य है। उन्होंने कहा शहपुरा से हमारा दो तीन बार आना जाना हुआ है। यहाँ पूर्वजो का निर्मित जिनालय देखने लायक है। यह भूमि शुद्ध है। यहाँ उन्नति की पूरी संभावना विद्यमान है। इसलिये जिनानुशासन का पालन करते रहिए।
   संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजममण्डी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.