जिंदगी तो पानी के बुलबुले के समान, फूटने पर रोना क्या: विद्यासागर महाराज


मल्हानवाड़ा- सुबह आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का नगर आगमन हुआ। स्वागत सत्कार एवं दर्शन के लिए सैकड़ों लोग माैजूद रहे। 20 साल बाद महाराज जी ने पुनः नगर में अपने चरण रखे। प्रातः 7:30 बजे दिगंबर जैन मंदिर में पहुंचकर आराधना की। करीब एक घंटे बाद भक्तों को दर्शन देने झंडा चौक पर कार्यक्रम स्थल पहुंचे। एक गांव के सेठ जी के अस्वस्थ बेटा पर कथा सुनाते हुए समाज को संतोष रखने का उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि आप हम के करने कुछ नहीं होता जो कर्म किए है उसी का फल भोगना पड़ेगा। बच्चे पानी के बुलबुलों से खेलते हैं बुलबुल फूटने पर हंसते है। हमारे जीवन में भी बुलबुले के प्रकार से हवा भारी है। इस पर ज्यादा चिंतन न करते हुए सच्ची भावना से अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना चाहिए। इसी में संतोष है। इस दौरान करीब 32 मुनि भी मौजूद रहे। उपदेश देने के बाद आहारचर्या किया। जबलपुर में निर्माण हो रहे 200 बिस्तर वाले पूर्णायु आयुर्वेदिक चिकित्सालय, गुरुकुल, प्रकल्प आदि के लिए करीब 40 लाख रुपये की सहयोग राशि एकत्रित हुई। महाराज जी के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्तगण पहुंचे। शाम करीब 5 बजे अपने गंतव्य स्थान के लिए पैदल यात्रा करते हुए रवाना हो गए।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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