पोहरी आने से पहले रिश्वत कांड में पकड़े गए जनपद सीईओ अरविंद शर्मादेर रात घर पर भी पड़ा लोकयुक्त का छापा


योगेन्द्र जैन पोहरी- कुदरत का कानून है जैसी करनी- वैसी भरनी, लेकिन प्रशासन में बैठे नौकरशाहों के भ्रष्टाचार के कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. बुधवार को सतना के ऊंचेहरा जनपद के मुख्य कार्यपालन पदाधिकारी (सीईओ) को लोकायुक्त की टीम ने 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. ऊंचेहरा जनपद सीईओ अरविंद शर्मा ने मुक्तिधाम (श्मशान) जैसे पवित्र धार्मिक निर्माण का भुगतान करने की एवज में सरपंच संसरीलाल पटेल से 13 हजार रिश्वत मांगी थी. 5 फीसदी रिश्वत न देने पर सरपंच संसरीलाल साढ़े चार लाख रुपए के भुगतान के लिए चक्कर लगा रहा था.
प्राप्त जानकरी के अनुसार सतना के उचेहरा जनपद में पदस्थ मुख्यकार्यपालन अधिकारी अरविंद शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने ग्वालियर स्थित घर पर भी कार्रवाई की है।
हर खबर के नजर के पाठक को बताना चाहेगे के पूर्व में पोहरी जनपद पंचायत में सीईओ के पद पर पदस्थ रहने के समय मे भी पंचायतों से खूब मलाई खाने की चर्चा रही है और वर्तमान सीईओ अनिल तिवारी के ट्रांसफर होने के बाद पोहरी में अरविंद शर्मा के मुख्यकार्यपालन अधिकारी की बनाने के आदेश के बाद जब बुधबार को 13 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए थे तो क्षेत्र में एक बार फिर भष्ट लोगों को बल।मिलना तय माना जा रहा है क्योंकि पूर्व के दलाल भी जब ट्रांसफर की बात पता चली तो खुश हो गए है
अब पोहरी क्षेत्र में किस प्रकार का भष्टचार का खेल पंचायतों में खेला जाएगा।क्योंकि जनपद सीईओ अरविंद शर्मा के पूर्व में कारनामो के किस्से पंचायतों में याद है और अब तो सतना से पोहरी जनपद में ट्रांसफर से पूर्व ही बड़ा कारनामा करके पोहरी क्षेत्र में आ रहे है
पोहरी क्षेत्र में अभी अपने कार्यकाल के समय भी खूब सुर्ख़ियो में रहे जनपद सीईओ अरविंद शर्मा एक बार फिर पोहरी के जनपद सीईओ बनने के बाद एक नए कारनामा सुने को क्षेत्र की जनता को मिलेंगे
क्या है पूरा मामला-
मनरेगा के तहत हुए काम का भुगतान न होने से परेशान सरपंच ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी, शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने केस रजिस्टर्ड कर बुधवार को योजना के मुताबिक मंगलवार को ऊंचेहरा जनपद के सीईओ को कार्यालय के चैंबर में 13 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ लिया. सरकारी अफसर भ्रष्टाचार में इतने अंधे हो गए हैं कि ऐसे धार्मिक व सामाजिक कार्यों में भी रिश्वत की मांग करना नहीं छोड़ते. इंसानियत के खिलाफ है, लोक लाज और शर्म से बेपरवाह सीईओ साहब अब भी सामान्य दिख रहे हैं जैसे उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और वे बच जाएंगे. एक तरफ फ़रियादी अपनी आपबीती खुद सुना रहा है और लोकायुक्त डीएसपी कार्रवाई को कैसे अंजाम दिया बता रहे हैं और  सीईओ अरविंद शर्मा पर इसका कोई असर नहीं है.

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