सागवाड़ा-ऋषभ वाटिका के सन्मति समवशरण सभागार में धर्म सभा में आचार्य सुनीलसागरजी महाराज ने कहा कि दुनिया में हर आदमी बुरा नहीं होता। अगर तुम्हें कोई आदमी बुरा लगता है तो वह आदमी बुरा नहीं तुम बुरे हो। आचार्य ने श्रद्धालुओं से कहा कि गलत आदमी होता है तो उसकी नजर में सब गलत ही गलत दिखता है। अगर आप अच्छी नजर से देखोगे तो दुनिया तुम्हे अच्छी नजर आएगी। अच्छा देखने के लिए दृष्टि अच्छी रखो। आत्मा की सुंदरता के लिए आध्यात्म की आंखें चाहिएं। पुराने समय में आतताइयों से अपने भगवान की मूर्तियों को बचाने के लिए जमीन में छुपा दिया था वो आज हमें खुदाई के दौरान वापस प्राप्त हो रही हैं। फूल में अच्छाई होती हैं सब जानते है पर कांटे में भी एक अच्छाई होती है। गलती से कोई कांटा चुभ गया तो दूसरे कांटे से उसे निकाला जाता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

