गोटेगांव -आचार्य विद्यासागर सभागार मे पूर्णमति माताजी ने कहा स्वयं को पहचानने से ही आपका आत्मकल्याण होगा।
आर्यिका माताजी ने समयसार ग्रंयः की गाथा सुनाते हुए कहा की आपके अंदर आत्म रात्व जानने की इच्छा हो रही है तो बहुत बड़ी बात है। इस संसार में हम सब अनादिकाल से कर्मो को करते चले आ रहे है। आज तक हमारा इन कर्मो का एक क्षण के लिये भी साथ नही छूटा। सारा जीवन इस कर्तव्य भावना के साथ जीते रहते है, पर पदार्थो में अटके रहते है। धमाचोकडी मे लगे रहते है। स्वय के बारे मे सोचने का वक्त नही है। उन्होंने उदगार प्रगट करते कहा लोग कहते है टाइम इज मनी, समय ही धन है। यहाँ समय से आशय आत्मा से है। आत्मा ही सबकुछ है यह भाव अंदर आना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
आर्यिका माताजी ने समयसार ग्रंयः की गाथा सुनाते हुए कहा की आपके अंदर आत्म रात्व जानने की इच्छा हो रही है तो बहुत बड़ी बात है। इस संसार में हम सब अनादिकाल से कर्मो को करते चले आ रहे है। आज तक हमारा इन कर्मो का एक क्षण के लिये भी साथ नही छूटा। सारा जीवन इस कर्तव्य भावना के साथ जीते रहते है, पर पदार्थो में अटके रहते है। धमाचोकडी मे लगे रहते है। स्वय के बारे मे सोचने का वक्त नही है। उन्होंने उदगार प्रगट करते कहा लोग कहते है टाइम इज मनी, समय ही धन है। यहाँ समय से आशय आत्मा से है। आत्मा ही सबकुछ है यह भाव अंदर आना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

