गणधर वलय स्त्रोत सेमिनार का समापन, विधान मंडल पूजन हुआ



आलनपुर-आचार्य निर्मल सागरजी महाराजकी शिष्या गणिनी आर्यिका विशुद्धमति माताजी  ससंघ के सानिध्य एवं स्वर्ण विशुद्ध वर्षायोग समिति के तत्वावधान में सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से अहिंसा सर्किल आलनपुर स्थित दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कारजी में 24 जुलाई से चल रहे 16 दिवसीय धर्म संस्कारित गणध वलय स्त्रोत सेमिनार के समापन के अवसर पर गणधर वलय विधान मंडल पूजन का आयोजन किया गया। इसमें सेमिनार्थियों सहित अन्य श्रद्धालुओं ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। चमत्कारजी के वर्षायोग पांडाल में कार्यक्रम की शुरूआत जिनेन्द्र भक्तों द्वारा मंत्रोच्चारों के बीच पवित्र वातावरण में जिनेन्द्र देव के किए गए अभिषेक एवं विश्व की सुख-समृद्धि व शांति की मंगल कामना के साथ नरेश बज, दिनेश बज द्वारा संयुक्त रूप से की गई शांतिधारा से हुई।
वर्षायोग समिति के प्रवक्ता प्रवीण कुमार जैन ने बताया कि अभिषेक व शांतिधारा की मांगलिक क्रियाओं के उपरांत आर्यिका विशिष्टमति, विजितमति एवं विप्रभमति के संयुक्त निर्देशन व श्रद्धालुओं ने गणधर वलय विधान मण्डल की अष्ट द्रव्यों से संगीतमयी पूजन कर भजनों की मधुर स्वर लहरियों के बीच मंडल पर भक्तिपूर्वक 77 अर्घ्य समर्पित कर पांडाल को जयकारों से गुंजायमान कर दिया। विधान पूजन से पूर्व पं. उमेश जैन शास्त्री के निर्देशन में मण्डल पर मुख्य मंगल कलश की स्थापना मैना देवी बज द्वारा की गई व अन्य चार मंगल कलशों की स्थापना करने का सौभाग्य चन्द्रप्रकाश-धनेश छाबड़ा, भागचन्द-अनिता भसावड़ी, लालचन्द-अर्चना पांड्या एवं मनोज-बीना पाटनी को प्राप्त हुआ।
16 दिवसीय सेमिनार मे उत्साह बना रहा
परम पुज्या प्रज्ञा पद्मिनी आर्यिका श्री विज्ञमति माताजी द्वारा रचित गणधर बलय स्तोत्र मे माताजी द्वारा 24 तीर्थंकर भगवान के 1452 गणधरो का वर्णन विस्तार पूर्वक किया है आर्यिका माताजी ने 16 दिवसीय सेमिनार  मे अध्यन करवाया जिसमे सेमिनार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया यह आयोजन बहुत ही अभूतपूर्व रहा सभी सेमिनारी अनुशासित होकर अध्यन करते दिखाई देते थे देखकर लगता था समवशरण मे दिव्य देशना हो रही हो
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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