गोटेगाव -आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने कहा आज का मनुष्य फसल काटने से लेकर भोजन बनाने तक का कार्य मनुष्य मशीन से करने से लगा है। यह हास्यास्पद है कि मनुष्य ने अपने आप को ही मशीन बना लिया है। उसके पास समय ही नही है। मशीन युग में मनुष्य संवेदनशील होता जा रहा है, इसलिए पहले इंसान को इंसान बनने की कला सीखनी होगी। उन्होंने कहा यदि बच्चो का भविष्य सुधारना है तो उन्हे समय दो, संस्कार दो और मोबाइल से दूर रखो।बच्चो के बीमार और तनावग्रस्त होने का कारण मोबाइल भी है।
मांगलिक प्रवचन में मुनि श्री ने कहा व्यसनों के कारण व्यक्ति का धार्मिक जीवन खत्म होता जा रहा है, जीवन बिगड़ रहा है। इससे पहले तुम्हारा बुढ़ापा बिगड़े उसके पहले ही सुधार किया जाये, जीवन को धर्ममय कार्य में लगाए । आर्यिका श्री ने सत्संग मे आत्मतत्व की शिक्षा दी । उन्होंने कहा कि आत्मतत्व के बारे मे सोचै ।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
मांगलिक प्रवचन में मुनि श्री ने कहा व्यसनों के कारण व्यक्ति का धार्मिक जीवन खत्म होता जा रहा है, जीवन बिगड़ रहा है। इससे पहले तुम्हारा बुढ़ापा बिगड़े उसके पहले ही सुधार किया जाये, जीवन को धर्ममय कार्य में लगाए । आर्यिका श्री ने सत्संग मे आत्मतत्व की शिक्षा दी । उन्होंने कहा कि आत्मतत्व के बारे मे सोचै ।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी