अच्छी और बुरी आदतें हमारे जीवन के स्वरूप का निर्धारण करती हैं: मुनिश्री



खुरई-अच्छी और बुरी आदतें हमारे जीवन के अच्छे और बुरे स्वरूप का निर्धारण करती हैं, जिस व्यक्ति की जैसी आदत होती है उसका जीवन वैसा बन जाता है। कहा जाता है कि एक अच्छी आदत के कारण व्यक्ति सबका आदरणीय बनता है, एक बुरी आदत के कारण उसकी सैकड़ों अच्छाईयों पर पानी फिर जाता है, उसे सबके तिरस्कार और अपमान का पात्र बनना पड़ता है। एक बुरी आदत व्यक्ति के सौ गुणों को लांछित कर देती है। ये स्थितियां मनुष्य के जीवन में दिनोदिन बनती हैं। यह बात प्राचीन जैन मंदिर में प्रवचन देते हुए मुनिश्री अभयसागर जी महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि गुलामी कई प्रकार की होती है। एक व्यवस्थागत गुलामी है, एक राजनैतिक गुलामी है, एक आर्थिक गुलामी है, एक शारीरिक गुलामी है, एक आदत की गुलामी है। व्यवस्थागत गुलामी को थोड़े से प्रयत्नों से दूर किया जा सकता है। राजनैतिक गुलामी भी संघर्षों के बल पर दूर हुई और दूर हो रही है। शारीरिक गुलामी का युग आज नहीं रहा। पहले गुलाम प्रथा थी, गुलामों को खरीदा जाता था और उन्हें पशुओं की तरह अपना गुलाम बनाया जाता था। वह आज नहीं है, लेकिन आज हर व्यक्ति अपनी आदतों का गुलाम जरूर बना हुआ है। हर व्यक्ति अपनी आदतों से लाचार है, अरे कितना भी उससे कहो, पत्नी समझाए तो, परिवार के सभी व्यक्ति समझाएं तो, परिवार से तिरस्कार मिले तो, कोई कितना भी उसे कहे, एक बार आदत या लत जो लग जाती है, वह लग जाती है, छूटने को तैयार नहीं होती।
उन्होंने ने कहा कि संत कहते हैं मनुष्य की आदतें एक बहुत बड़ी कमी बन जाती है, उसको गुलाम बना डालती है और जिन व्यक्तियों के जीवन में बुरी आदतें होती हैं, उनकी स्थिति तो और विचित्र होती है। मुनिश्री ने कहा कि मैं आज आप सबसे यही कहना चाहता हूं कि मनुष्य की आदतों का उसके चित्त और चेतना पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। न केवल चित्त चेतना पर अपितु उसके जीवन पर भी। चाहे आदत अच्छी हो या बुरी। अच्छी आदत जहां आपके उत्कर्ष का कारण बनेगी, बुरी आदतें आपको रसातल में पहुंचा देंगी। जीवन की उत्थान व पतन मनुष्य की अपनी प्रवृत्तियों पर ही निर्भर करता है। आप जिन सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते हैं, उन्हीं सीढ़ियों से नीचे भी उतरा जाता है अच्छी आदत की सीढ़ी पर चढ़कर जहां शिखर पर पहुंच सकते हैं तो बुरी आदतों के शिकार बनकर रसातल में भी जाया जा सकता हैै। हर व्यक्ति के जीवन के साथ ऐसी ही स्थितियां निर्मित होती है।
         संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी

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