वही व्यक्ति संसार सागर को पार करता है जो धर्म की नाव पर तूफान में भी रहता है अडिग सौम्यनन्दिनी माताजी


काेटा -महावीर नगर विस्तार योजना स्थित दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे आर्यिका सौम्यनन्दिनी माता जी ने  कहा कि जो तूफानों में भी अपनी धर्मरूपी नाव पर अडिग रहता है, वही संसार रूपी समुद्र को पार कर सकता है।
जैसे एक ही खदान से निकले एक पत्थर पर लोग चलते हैं और उसी खदान से निकले दूसरे पत्थर के सामने सारा संसार नतमस्तक होता है। अंतर बस इतना है कि जो पत्थर भगवान बन जाता है, वह पत्थर उस लोहे के हथौड़े की ठोकर को सहर्ष स्वीकार कर लेता है और बार-बार ठोकर सहते-सहते एक दिन वह भगवान बन जाता है। जबकि दूसरा पत्थर हथौड़े की कुछ ही ठोकरों में टूट जाता है और उसे उठाकर अलग कर दिया जाता है। भगवान पारसनाथ के ऊपर खूब अग्नि, पानी, पत्थर बरसाए गए, लेकिन वह कमठ भी प्रभु को रंच मात्र अपने ध्यान से अडिग नहीं कर पाया और प्रभु को मोक्ष की प्राप्ति हुई।
               संकलन अभिषेकजैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.