वे लोग भाग्यशाली होते हैं जो हर परमार्थ के कार्यों में आगे बढ़कर भाग लेते हैं -आचार्य


सागवाड़ा-आचार्य सुनील सागरजी  महाराज ने गुरुवार को ऋषभ वाटिका स्थित सन्मति समवशरण सभागार में अपने चातुर्मास के प्रवचन में कहा कि जीवन में कई बार धर्म, पुण्य तथा लाभ के अवसरों से वंचित रह जाना पड़ता है। वे लोग भाग्यशाली होते हैं जो हर परमार्थ के कार्यों में आगे बढ़कर भाग लेते हैं और उसका सद् परिणाम भी प्राप्त कर लेते हैं। आचार्य ने कहा है कि माता-पिता ने पाला, कुटुंबी और परिवार ने दुलारा, बच्चों ने प्यार दिया, जीवन संगिनी तथा साथियों ने सुख-चैन दिया है और कर्मचारियों के साथ ही कई जनों ने दौलत और शोहरत दी है। इतने उपकार के बाद भी कृतज्ञता तथा धन्यवाद नहीं देना आत्मीयता के भावों को क्षीण करता है। मुंह से अगर बोल नहीं सकते तो मुस्कान से भी उपकारों का अहसान चुकाया जा सकता है। पशु-पक्षी और जानवर भी सांकेतिक भाषा से अहसान और उपकारों के प्रति धन्यवाद देना नहीं भूलते हैं।
पोस्टर का विमोचन हुआ:
धर्म सभा में गलियाकोट कॉलोनी में होने वाली भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव की 25 अगस्त को होने वाले पात्र चयन कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन आचार्य श्री  के सानिध्य में समाजजनों की उपस्थिति में हुआ। कॉलोनी समाज के अध्यक्ष महावीर जैन ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 23 की शाम को मेहंदी रस्म और 24 को सुबह में भक्तांबर विधान एवं , 25 को आचार्य सुनील सागर जी महाराज के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य महावीर गिंगला के निर्देशन में पात्र चयन का कार्यक्रम सुबह10 बजे से शुरू होगा।
      संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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