कुंडलपुर में ससंघ विराजमान हैं 14 मुनिश्री, इनमें 10 ऐसे, जिनका पहला पर्युषण पर्व



कुंडलपुर -पर्युषण पर्व मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। इस अवसर पर सिद्धक्षेत्र  कुंडलपुर में 10 दिनों तक विशेष धूम रहेगी। इस साल कुंडलपुर में निर्यापक  मुनिश्री 108 समय सागर जी महाराज के सानिध्य में 14 मुनिश्री का ससंघ  चातुर्मास हो रहा है। जिनमें 10 मुनिश्री ऐसे हैं, जिनका यह पहला पर्युषण  पर्व होगा।
कुंडलपुर कमेटी के प्रचार मंत्री सुनील  वेजीटेरियन ने बताया कि इस अवसर पर ससंघ के पावन वर्षा योग होने से  पर्युषण पर्व पर भक्तगणों को दस लक्षण धर्म पर विशेष प्रवचन का लाभ मिलेगा।  इसके अलावा देश के विख्यात विद्वान रतन लाल बेनाडा जी की उपस्थिति होने से  रात्रि में विशेष प्रवचन दशलक्षण धर्म पर सुनने का सुअवसर श्रद्धालुओं को  प्राप्त होगा। पहला दिन उत्तम क्षमा का दिन हाेगा। उन्होंने बताया कि  पर्युषण पर्व पर प्रात सुबह 6 बजे से अभिषेक पूजन आदि की क्रिया प्रारंभ हो  जाएगी, 7:45 बजे पर मुनि श्री द्वारा वाचन होगा 9:30 बजे आहार चर्या के  पश्चात 11:30 बजे प्रतिक्रमण इसके पश्चात सामायिक काल दाेपहर 2:30 बजे से  दशलक्षण धर्म पर मुनि श्री के प्रवचन एवं पाठ किया जाएगा। इसी तरह 6 बजे से  आचार्य भक्ति एवं आरती होगी।
7 बजे से बड़े बाबा की महा आरती व भजन की  संगीतमय प्रस्तुति की जाएगी। उन्होंने बताया कि रात्रि 8:00 बजे से  विद्वानों के प्रवचन होंगे। कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष संतोष सिंघई  ने श्रद्धालु गणों से पर्युषण पर्व में कुंडलपुर पहुंचकर धर्म लाभ लेने की  अपील की है। बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कमेटी की ओर से  समुचित भोजन एवं आवास की व्यवस्था की गई है।
जैन धर्म में दशलक्षण पर्व का बहुत महत्व है:
  दिगंबर जैन समाज में पर्युषण पर्व/ दशलक्षण पर्व के प्रथम दिन उत्तम  क्षमा, दूसरे दिन उत्तम मार्दव, तीसरे दिन उत्तम आर्जव, चौथे दिन उत्तम  सत्य, पांचवें दिन उत्तम शौच, छठे दिन उत्तम संयम, सातवें दिन उत्तम तप,  आठवें दिन उत्तम त्याग, नौवें दिन उत्तम आकिंचन तथा दसवें दिन ब्रह्मचर्य  तथा अंतिम दिन क्षमावाणी के रूप में मनाया जाता है।
चातुर्मास: जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में विराजमान मुनिश्री का ससंघ, 10 दिन विशेष प्रवचन
इनका पहला पर्युषण पर्व:
इनमें से खुरई के बाल ब्रम्हचारी सतीश गुरहा बुलबुल भैया अब मुनिश्री  निर्माण सागर, बाल ब्र. श्रेयांश भैया बुढ़ार शहडाेल- मुनिश्री र्निग्रंथ  सागर जी, बा.ब्र. अभिषेक माेनू भैया पनागर, जबलपुर-मुनिश्री निर्भ्रान्त  सागर जी, बा.ब्र. माेनू दीपेन्द्र भैया पथरिया सागर- मुनिश्री निरालस  सागरजी, बा.ब्र. नितेन्द्र भैया नरसिंहपुर-मुनिश्री नराश्रव सागर जी,  बा.ब्र. पिंकेश भैया हाटपिपलिया, वर्तमान इंदाैर- मुनिश्री निराकार सागर  जी, बा.ब्र. आकाश भैया सिहाेरा सागर- मुनिश्री निश्चिंत सागरजी,  बा.ब्र.दीपक भैया संदलपुर, खांतेगांव, देवास-मुनिश्री निशंक सागर जी,  बा.ब्र. अर्पित भैया राघाेगढ़ गुना, वर्तमान इंदाैर- मुनिश्री निर्लेप सागर  महाराज का यह पहला पर्युषण पर्व है। इनमें मुनिश्री गृहस्थ जीवन में  एमटेक, बीई-आईटी, एमबीए, एमए, बीकाॅम कम्प्यूटर, एमकाॅम शिक्षा वाले हैं।  सबसे कम उम्र के 28 वर्ष और सबसे ज्यादा उम्र 47 के मुनिश्री हैं।
        संकलन अभिषेक जैन लूहाड़ीया रामगंजमंडी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.