साधना,तप,आत्म कल्याण का दशलक्षण महापर्व 3 सितंबर से शुरू 



योगेन्द्र जैन पोहरी - देश भर में जैन समाज के दशलक्षण पर्व 3 सितंबर से प्रारम्भ हो रहे है  है  3 सितंबर से प्रारंभ होकर 12 सिंतबर को दशलक्षण महापर्व का समापन होगा। 10 दिनों  तक श्रावक धर्म साधना के रूप में उपवास ओर तप करता है और अपने आत्म कल्याण की भावना भाते ही पूजा पाठ करता है जैन समाज द्वारा इन महा पर्वो में साधना करके अपने जीवन के कल्याण की भावना बही जाती है पहले हम जान ले कि पयुर्षण क्या है एक अच्छा किसान जैसे वर्षा के पूर्व अपने खेत को बीज बोने लायक बना लेता है वैसे ही एक धार्मिक अपने आत्मा के खेत को पर्युषण का बीज बोने लायक बना लेता है पर्युषण पर्व नहीं, महापर्व है यह सामान्य त्यौहारों की तरह आता है किन्तु यह आत्मशुद्धि का पर्व हैइसलिए महापर्व है
  प्रेस को जारी विज्ञप्ति में  योगेन्द्र जैन पत्रकार ने बताया कि हर साल भाद्रपद मास शुल्क पक्ष पंचमी से प्रारंभ होकर अननत चतुर्थी तक दशलक्षण महा पर्व  चलते है यह महा पर्व 10 दिन के होते है उत्तम क्षमा से लेकर उत्तम बह्मचर्य इन 10 धर्मो पर दस दिन धर्म साधना चलती है
पोहरी जैन समाज द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी  श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर एव श्री 1008 चंदप्रभु जिनालय पर दशलक्षण महा पर्वो की तैयारी शुरू कर दी है इस महा पर्व पर मंदिर को सुंदर सजाया गया है इन दस दिनों में सुबह प्रातःकाल श्री जितेंद्र देव का अभिषेक शांतिधारा व पूजन भक्तो द्वारा भक्ति भाव से की जाएगी,दस दिनों तक उपवास के साथ साधक साधना भी करता है। शाम को श्री जिनेन्द्र देव् की महा आरती भक्तों द्वारा की जाएगी। आरती के बाद एक एक कर दस धर्मो के बारे में  बताया जाता है पोहरी नगर में पयुर्षण पर्व के समापन के बाद श्री जिनेंद्र देव का चल समारोह बड़े ही धूम धाम से 13 सितंबर पोहरी नगर में निकला जाएगा। 

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