गोटेगाव - स्वर कोकिला आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ने कहा शरीर रूपी रथ को चलाने के लिये आपको आत्मा रूपी सारथी मिलता है इसलिए इसे सही दिशा में ले जाये।
आर्यिका माताजी ने कहा आज से ही भगवान की आराधना नही करोगे तो कब करेगे। अभी आपका शरीर साथ दे रहा है इसलिए अभी आराधना मे जुट जाए। हमारे शरीर की चाबी हमारे पास है। इससे कैसा कहा उपयोग लेना है यह सिर्फ हम जानते है। कोई दूसरा हस्तक्षेप नही कर सकता। उन्होंने कहा पर्युषण पर प्रारंभ हो रहा है आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप दुनिया के सारे कार्य मे तो होशियार रहते है और स्वयं के कार्य मे पीछे रहते हैं। दूसरों की प्रशंसा प्राप्त करना और स्वयं को खुश करने से कुछ होंने वाला नही है। उन्होंने कहा शिविर मे सभी को अनुशासन मे रहना होगा। हमारा मन चंचल है उसे नियंत्रित करने का यह शिविर एक अच्छा अवसर है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
आर्यिका माताजी ने कहा आज से ही भगवान की आराधना नही करोगे तो कब करेगे। अभी आपका शरीर साथ दे रहा है इसलिए अभी आराधना मे जुट जाए। हमारे शरीर की चाबी हमारे पास है। इससे कैसा कहा उपयोग लेना है यह सिर्फ हम जानते है। कोई दूसरा हस्तक्षेप नही कर सकता। उन्होंने कहा पर्युषण पर प्रारंभ हो रहा है आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप दुनिया के सारे कार्य मे तो होशियार रहते है और स्वयं के कार्य मे पीछे रहते हैं। दूसरों की प्रशंसा प्राप्त करना और स्वयं को खुश करने से कुछ होंने वाला नही है। उन्होंने कहा शिविर मे सभी को अनुशासन मे रहना होगा। हमारा मन चंचल है उसे नियंत्रित करने का यह शिविर एक अच्छा अवसर है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी