बेहतर जीवन तभी बनेगा जब नजरिया बेहतर होगा: मुनिश्री




खुरई-प्राचीन जैन मंदिर में मुनिश्री अभयसागर जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि दो प्रकार का सुख होता है एक अभिप्राय का सुख जबकि दूसरा अनुभूति का सुख। अभिप्राय का सुख मनुष्य के स्टेटस पर अवलंबित होता है और अनुभूति का सुख मनुष्य की फीलिंग पर निर्भर करता है। आप कौन सा सुख चाहते हैं।
ऊपरी स्टेटस वाला सुख कि भीतरी फीलिंग वाला सुख। हो सकता है कि आप स्टेटस दिखाने के लिए तमाम उपाय करना पड़े लेकिन वो सही है कि जूता काट रहा है तो उसकी पीड़ा तो आपको भोगनी ही पड़ेगी। आपको कभी-कभी जूते के काटने की पीड़ा व्यक्ति के सारे शरीर से प्रदर्शित होती दिखाई पड़ती है। जूता काट रहा है ये पीड़ा उसके भाव व्यक्ति के चेहरे पर आए बिना नहीं रहते और जो लोग भौतिक सोच से ग्रसित होते हैं जिनकी दृष्टि ऐसे ही सुखों के पीछे पागल होती है वे हमेशा दुखी रहते हैं।
उन्हाेंने कहा कि एक पिता अपने बेटे को जीवन की वास्तविकता का पाठ पढ़ाने के ख्याल से एक गांव में ले गया। एक किसान के घर एक दिन और रात रहा। लौटकर आने के बाद पिता ने अपने बेटे से पूछा, तुमने देखा ये लोग कितने गरीब हैं। गरीबी को तुमने ठीक ढंग से समझा, गरीबी और अमीरी के अंतर को तुमने समझ लिया। बोला हां पिताजी मैंने समझ लिया। क्या बोला मैंने देखा कि हमारे पास एक कुत्ता है उसके पास 8 कुत्ते हैं।
हमारे घर में एक छोटा सा स्वीमिंग पूल है और उनके लिए नहाने को एक लंबी नदी। अब इतना ही अमीरी-गरीबी का अंतर है और क्या अंतर हो सकता है।
पिता ने बेटे की सकारात्मकता को देखा और छाती से लगा लिया और बोले बस, यदि तुम अपने जीवन को सुख से भरना चाहते हो तो हर चीज को इसी नजरिए से देखने की कोशिश करो। तुम्हारा नजरिया जैसा होगा जीवन वैसा ही होगा। सुखी होना चाहते हो तो यही नजरिया बनाए रखना। बेहतर जीवन तभी बनेगा जब आपका नजरिया बेहतर होगा।
त्रिलोक मंडल विधान 04 अक्टूबर से हाेगा, मुख्य पात्रों का चयन कल हाेगा
। प्राचीन जैन मंदिर में मुनिश्री अभयसागर जी महाराज, मुनिश्री प्रभातसागर जी महाराज एवं मुनिश्री निरीहसागर जी  महाराज के सानिध्य में दस दिवसीय त्रिलोक मंडल विधान का आयोजन 4 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसकी तैयारियां चल रही हैं। विधान के लिए विभिन्न समितियों का गठन सोमवार को किया गया। 2 अक्टूबर बुधवार को मुख्य पात्रों का चयन मुनि संघ के सानिध्य में प्राचीन जैन मंदिर से होगा। 4 अक्टूबर को घटयात्रा निकाली जाएगी। आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के प्रकटोत्सव जन्मदिवस शरद पूर्णिमा पर13 अक्टूबर को विधान का समापन होगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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