निवाई-सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में आचार्य विभव सागर जी महाराज के सान्निध्य में शुक्रवार को दीक्षार्थी वीरेंद्र भैया को उनके माता पिता व परिवार से इजाजत लेकर मुनि दीक्षा देकर शुद्ध सागर नाम से नामकरण किया गया।
जैन समाज के प्रवक्ता विमल जौला व राकेश संघी ने बताया कि दीक्षा से पूर्व वीरेंद्र भैया ने सकल दिगंबर जैन समाज से मुनि दीक्षा लेने की स्वीकृति ली। इसके बाद आचार्य विभव सागर जी महाराज ने दीक्षार्थी वीरेंद्र भैया को दीक्षा विधि के साथ संस्कार दिए। इसमें सर्व प्रथम आचार्य ने दीक्षार्थी के सिर पर जल से वृहद शांति मंत्रों से शांतिधारा की गई। इसके बाद दीक्षार्थी का कैश लौंच हुआ जिसे देखकर सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। इस दौरान सिर का प्रक्षालन कर मस्तक पर केसर से श्री कार लिखकर स्वस्तिक बनाया। इसके बाद आचार्य श्री ने 24 तीर्थंकरों का स्मरण कर सोलह प्रकार के संस्कार दिये जिसमें 108 लोंग से मंत्रोचारण के साथ संस्कार दिए गए। कार्यक्रम के तहत आचार्य श्री ने अष्ट मंगल द्रव्य से दीक्षार्थी भैया की अंजली भरी इसके बाद 28 मूल गुणों के संस्कार आचार्य ने दिए। बाद में जिन मुद्रा के तत्पश्चात दीक्षार्थी ने कपड़े उतारकर जैनेश्वरी मुनि दीक्षा ली। इसके बाद मुनि शुद्ध सागर महाराज को हुकम चन्द पारसमल ने नवीन पिच्छीका दी। नवीन कमंडल सुशील कुमार नीरा जैन आरामशीन ने एवं मुनि को शिमला जैन, शशि सोगानी व आशा गिंदोड़ी ने भेंट किया। व कैश लौंच धारण योगेन्द्र सिंगल झिलाय ने किया।
दीक्षा से पूर्व आचार्य विभव सागर जी महाराज का पिच्छीका परिवर्तन समारोह आयोजित हुआ। इस दौरान आचार्य श्री ससंघ का पादप्रक्षालन शास्त्र भेंट व नवीन पिच्छीका दी गई। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने अनेक शास्त्र पुस्तकों का विमोचन कर आचार्य संध को भेंट किया । इस अवसर पर अध्यक्ष , मंत्री सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे। महोत्सव में देश भर से आये श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
