मुनि श्री चिन्मयसागर जीi महाराज का देवलोक गमन,अंतिम दर्शन के लिए कोटा से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कर्नाटक रवाना



कोटा-जंगल वाले बाबा नाम से देश विदेश में विख्यात मुनि श्री चिन्मयसागर जी महाराज का देवलोक गमन शाम 6:18 पर कर्नाटक के जुगुल में शुक्रवार को हो गया।
एक विवरण
महाराज साहब ने एक माह पूर्व आहार, एक सप्ताह से जल त्याग रखा था। मुनि चिन्मय सागर ने वर्ष 1988 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के सोनागिरि सिद्धक्षेत्र पर आचार्य विद्यासागर महाराज से मुनि दीक्षा पाई
मुनि श्री  का कोटा से जुड़ा इतिहास
वर्ष 2007 में मुकंदरा के बोराबास के जंगलों में 40 दिन तक कठोर साधना की थी। कोटा में आरकेपुरम स्थित त्रिकाल चौबीसी जिनालय आदि कई मन्दिर आपकी प्रेरणा से निर्मित हुए। उनका कोटा में 2 बार प्रवास रहा। मुनि चिन्मय सागर द्वारा लाखों लोगों ने व्यसनों का त्याग किया।
गुर्जर आंदोलन  समाप्त करने में अहम भूमिका
राजस्थान में एक दशक पहले गुर्जर आंदोलन समाप्त करने में उनकी अहम भूमिका रही थी।
उनकी साधना पर राष्ट्रपति महोदय व प्रधानमंत्री ने भी की उनके दर्शन व चर्चा की
पिछले वर्ष देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक के दौरान आपके दर्शन एवं चर्चा की।
कोटा का प्रतिनिधि मण्डल जुगुल मे
सकल दिगंबर जैन समाज के महामंत्री विनोद टोरड़ी, साधु सेवा समिति के अध्यक्ष संजय निर्माण आदि दर्जनों भक्त काफी लंबे समय से मुनि श्री  चिन्मय सागर जी महाराज की चल रही संलेखना में शामिल होने कोटा से गए हुए है।
कोटा  समाज ने दी विनयाजली
प्रचार सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि सकल दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष विमल जैन, कार्याध्यक्ष जेके जैन, प्रकाश बज, गुलाबचंद ने  विनयाजली  दी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.