सागवाड़ा-पुनर्वास कॉलोनी का पुनर्वास नहीं बल्कि पुनर्जन्म हुआ है : धर्मसभा में आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने कहा कि प्राचीन एवं वैभवशाली गलियाकोट नगर के बांध के डूब क्षेत्र में जाने के बाद इस कॉलोनी का पुनर्वास नहीं बल्कि पुनर्जन्म हुआ है। जहां गलियाकोट की पुरातन वैभव की संस्कृति तथा सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं। आचार्य ने कहा है कि प्रकृति, प्रवृत्तियों और पद्धतियों का ध्यान रखना जरूरी है। प्रभु भक्ति और धर्म ध्यान की प्रवृत्ति तथा पद्धतियों से जीवन में उत्कृष्टता को हासिल किया जा सकता। बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है मगर उनकी पालना करना कठिन होता है। जहां संकल्प और दृढ़ इच्छा हो वहा असफलता की कोई गुंजाइश नहीं होती है। आचार्य ने महाराष्ट्र की राजनीतिक घटनाओं का जिक्र करते हुए तंज कसा और कहा कि कूटनीतिक व्यवहार से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। भले ही देखो सब कुछ लेकिन हमेशा अच्छी बातों को ग्रहण करो।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी