स्कूल जाते समय जिस मंदिर को हमेशा शीश नवाया, मुनि बनकर अब उसी मंदिर पर उन्ही के सानिध्य मे चढ़ाया जायेगा स्वर्ण कलश



उज्जैन-छोटा सराफा स्थित घर से नमकमंडी स्थित सूर्यसागर दिगंबर जैन स्कूल जाते समय सन्नी ने जिस मंदिर के सामने हमेशा शीश नवाया, अब वे मुनि दीक्षा के बाद पहली बार शहर आकर उसी मंदिर पर उन्ही के सानिध्य मे  स्वर्ण कलश चढाया जायेगा। नमकमंडी स्थित दिगंबर जैन मंदिर पर यह आयोजन होगा।
सूर्यसागर स्कूल के अध्यापक जयप्रकाश जैन की समाज में इस मायने में ख्याति है कि उन्होंने बच्चों को शिक्षित करने और समाज की नई दिशा देने के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। उनके तीन पुत्रों में से सन्नी बचपन से ही धर्म की ओर उन्मुख हो गया। हमेशा मौन सा रहने वाला सन्नी स्कूल आते-जाते मंदिर के सामने शीश झुकाता और जब कभी अवसर मिलता मंदिर में आकर धार्मिक ग्रंथों का पठन-पाठन व सेवा करने से नहीं चूकता। 11वीं कक्षा में रहते सन्नी ने स्कूली शिक्षा छोड़ दी। इसी दौरान आचार्य विशुद्धसागरजी का 2010 में शहर में चातुर्मास हुआ। चार महीने तक सन्नी आचार्य के सान्निध्य में रहा। जब चातुर्मास पूरा हुआ और आचार्य ने विहार किया तो सन्नी ने परिवार को फैसला सुना दिया। वह धर्म मार्ग पर चलेगा और आचार्य के साथ जाएगा। 24 साल की उम्र में सन्नी ने आचार्य के साथ जाने का संकल्प ले लिया। इसके बाद सन्नी घर नहीं लौटा। 7 साल तक सन्नी ने आचार्य के साथ अपनी धार्मिक शिक्षा पूरी की। आचार्य ने 6 अक्टूबर 2017 को सन्नी को मुनि दीक्षा देकर मुनि श्री साध्य सागर जी महाराज नाम दे दिया।
मुनि बनकर 9 साल बाद शहर आएंगे संतश्री
मुनिश्री  साध्य सागर जी महाराज  बनकर 9 साल बाद शहर आएंगे। उनके साथ मुनि श्री  प्रणुत सागर जी महाराज व  मुनि श्री संपूर्ण सागर जी महाराज  भी पधारेंगे। अपने शहर के युवा को मुनि वेश में देखने के लिए शहर का दिगंबर जैन समाज लालायित है। दिगंबर जैन मंदिर नमक मंडी ट्रस्ट के सचिव अनिल गंगवाल कहते हैं- यह गौरव का अवसर है। एक नया इतिहास लिखा जाएगा। ट्रस्ट अध्यक्ष प्रकाश कासलीवाल समाज से अनुग्रह कर रहे हैं कि इस अवसर पर सभी समाजजन मौजूद रहे और अपने शहर को गौरवान्वित करने वाले युवा मुनि का आशीष लें। गंगवाल के अनुसार मुनिश्री  साध्य सागर जी  महाराज  ने शहर आने की स्वीकृति दी है।
उज्जैन के लिए विहार शुरू किया
मुनिश्री  प्रणुत सागर जी , संपूर्ण सागर जी  व साध्य सागरजी ने मंगलवार की शाम पुष्पगिरी से उज्जैन के लिए विहार शुरू कर दिया है।
30 नवंबर को ऋषिनगर में आहारचर्या के बाद शाम को मुनिसंघ का फ्रीगंज बोर्डिंग मंदिर में रात्रि विश्राम होगा।
1 दिसंबर को सुबह 7.30 बजे नमकमंडी जिनालय के लिए विहार करेंगे। चामुंडा चौराहे पर अगवानी होगी। क्षीरसागर, कंठाल होते हुए चलसमारोह नमक मंडी जिनालय पहुंचेगा। वहां मुनिश्री के प्रवचन व आहार चर्या होगी।
2 व 3 दिसंबर को जिनालय के अग्रभाग में बनी पंच परमेष्ठी की प्रतीक पांचों छात्रियों पर स्वर्ण कलश आरोहण होगा। मुनि श्री  साध्य सागरजी महाराज का जन्मोत्सव (3 दिसंबर) मनेगा। इसके बाद वे शहर के अन्य मंदिरों में दर्शन के लिए विहार करेंगे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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