विदेशों की पाश्चात्य संस्कृति भारत के लिए खतरा : समयसागरजी महाराज

बंधा जी-अतिशय क्षेत्र बंधा में रविवार को सुबह 7 बजे श्रीजी का अभिषेक किया गया। इसके बाद शांति धारा एवं पूजा-अर्चना की गई। 9.30 बजे आचार्य विद्यासागर महाराज की पूजन हुई।

निर्यापक मुनि श्री  समय सागर जी  महाराज ने अपने रविवारीय प्रवचनों में कहा कि विषय भोगों के कारण ही हमारा ज्ञान नष्ट होता जा रहा है। वर्तमान में आधुनिकीकरण के कारण पंच इंद्रियों के जो विषय हैं, उसके कारण ही हमारा ज्ञान नष्ट होता जा रहा है। आप लोग करोड़ों रुपए खर्च करके दूसरे देश के विश्वविद्यालय एवं बड़े-बड़े कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए अपने बेटों को भेज देते हैं। लोग आकर कहते हैं महाराज हम अपने बेटे को बाहर पढ़ाने के लिए भेज रहे हैं, निर्यापक मुनिश्री ने कहा कि आप अपने बेटे को बाहर पढ़ने के लिए तो भेज देते हैं, लेकिन आप यह तो नहीं देख रहे कि वहां आपका बेटा क्या कर रहा है। विदेशों में आप लोग अपने बेटे को पढ़ने के लिए भेज देते हैं। वहां सिर्फ शिक्षा मिलती है। हमारे देश में शिक्षा के साथ संस्कृति भी मिलती है। इसलिए आचार्य श्री कहते हैं आप अपने बेटे बेटियों को अपने देश में ही शिक्षा दिलाएं। पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली एवं संस्कृति भारत के लिए घातक है।

भारतीय संस्कृति का इतिहास गौरवशाली

समय सागर जी  महाराज ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति का हजारों वर्ष प्राचीन गौरवशाली इतिहास रहा है। इसीलिए आचार्य श्री के कथनानुसार आप अपने बच्चों को शिक्षा अपने देश में ही दिलाएं। भारत को भारत बोलो इंडिया नहीं।

प्रदीप जैन बम्होरी ने बताया कि अंतर मति माताजी सहित 10 आर्यिकाओं का बिहार पपौरा से अतिशय क्षेत्र बंधा जी के लिए चल रहा है।

माता जी संघ की रविवार को आहार चर्या दिगौड़ा में हुई। 2.30 बजे दिगौड़ा से माताजी संघ का बम्हौरी के लिए बिहार शुरू हुआ। शाम 5.15 पर आर्यिका संघ बम्हौरी पहुंचा। रात विश्राम पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर की धर्मशाला में होगा। सोमवार सुबह 7 बजे बम्होरी से अतिशय क्षेत्र बंधा के लिए बिहार होगा। 9 बजे बंधा में माताजी संघ की आगवानी होगी।

संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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