सच्चा रास्ता,


    चातुर्मास मे जयपुर से कुछ लोग आचार्य महाराज के दर्शन करने नैनागिरी  आ रहे थे वे रास्ता भूल गये और नैनागिरी के समीप दुसरे रास्ते पर मुड गये थोड़ी दूर जाकर उनको अहसास हुआ की वे भटक गये इस बीच चार बंदूकधारी लोगो ने उनको घेर लिया गाड़ी मे बैठे सभी यात्री घबरा गये एक यात्री ने थोडा साहस करके कहा की "भया हम जयपुर से आये है आचार्य विद्यासागर महाराज के दर्शन करने जा रहे है हम रास्ता भटक गये है आप हमारी मदद करे "  उन चारो ने एक दुसरे की और देखा उनमे से एक रास्ता बताने के लिये गाड़ी मे बैठ कर गया
  नैनागिरी के जल मंदिर की समीप पहुचते ही वह व्यक्ति गाड़ी से उतरा और इससे पहले कोई कुछ पूछे वह वहा से जा चुका था जब यात्रियों ने घटना सुनाई तो लोग दंग रह गये सभी को वह घटना याद आ गयी जब चार डाकुओ ने आचार्य महाराज से उपदेश पाया था उस दिन स्वयम सही राह पाकर आज इन भटके यात्रियों के लिए सही रास्ता दिखाकर मानो उन डाकुओ ने उस अम्रत -वाणी का प्रभाव रेखाकित कर दिया
                                                                           नैनागिरी  {1978
                                                                         मुनि श्री क्षमासागरजी महाराज
                                                                          पुस्तक   आत्मान्वेषी
           सकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमण्डी

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