सतवास
पंचकल्याण महोत्सव के अंतर्गत मुनि श्री संथान सागर जी महाराज ने उदबोधन देते हुए कहा पाठशाला संस्कारो के गठन की टकसाल है, जिसमे धर्म,संस्कार की रक्षा करने का ज्ञान प्राप्त होता है। इसमें जाने पर ही बच्चो में पुण्य का प्रभाव बढ़ेगा। आज के अभिवावकों को पुण्य के प्रभाव से ही उन्हे सुंदर बच्चे मिले, पर बच्चो का इतना पुण्य नही है कि आप जैसे माता पिता बने। इसके लिए उन्हे धर्म व उसकी रक्षा का ज्ञान आवश्यक है।
आचार्य विद्यासागर पाठशाला की स्थापना पर मुनि श्री संथान सागर जी महाराज ने कहा शनिवार रविवार को लगने वाली पाठशाला मे बच्चो को धर्म व संस्कारो का ज्ञान दिया जायेगा। आहार के विषय मे कहा हमे भी प्राचीन काल की भांति आहार ग्रहण करना चाहिए।
मुनि श्री ने कहा गोमाता का दूध पूर्वजो ने ग्रहण किया, वो ही श्रेष्ठतम है, किंतु दूध मशीन से नही लगाना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमण्डी

