जिले के बदरवास विकासखंड के ग्राम बिजरौनी निवासी श्रीमती सीमा शुरुआत में गोपिका स्वसहायता समूह से जुड़ी। उन्होंने समूह से 10 हजार रूपए का ऋण लेकर सिलाई का काम शुरू किया। इससे उन्हें प्रतिमाह 4 से 5 हजार रुपए की आमदनी होने लगी। उसके बाद उन्हें किसी माध्यम से मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की जानकारी मिली। उन्होंने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में योजना की जानकारी ली। योजना के अंतर्गत उनका ऋण स्वीकृत हो गया है और उन्हें मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 6 लाख रुपए मिले हैं। जिससे उन्होंने अपना बोलेरो पिकअप लोडिंग वाहन खरीदा है।
सीमा ने बताया कि उन्होंने 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद समूह से भी ली और अपना वाहन खरीदा। उनका कहना है कि जब शुरुआत में समूह से जुड़ी तो ज्यादा कुछ नहीं सोचा था। सिलाई करना जानती थी इसी को अपना रोजगार बनाया। धीरे-धीरे जब अच्छी आमदनी होने लगी तो उन्होंने बचत करना शुरू कर दी। उन्हें लगा कि सिलाई के काम में इतनी आय नहीं है क्यों ना वाहन खरीद कर लगाया जाए जिससे परिवार की आय बढ़ेगी तब आजीविका मिशन से स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी ली और स्वरोजगार स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की। जिसमें आजीविका मिशन का भी सहयोग मिला और अब उन्होंने स्वयं का लोडिंग वाहन खरीदा है।
