स्वयं को मानवता की कसौटी पर परखें : मुनिश्री

भोपाल-महावीर नगर ग्यारह नंबर स्टाप स्थित जैन मंदिर में बुधवार को मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज ने प्रवचन दिए। इसमें उन्होंने कहा कि, हम अपने आपको मानवता की कसौटी पर कसकर देखें कि उसमें कितने खरे उतरते हैं। आकृति से मनुष्य होना और प्रकृति से मनुष्य बनना इन दोनों में बड़ा अंतर है, हमें जन्म से मनुष्य का आकार मिलता है पर अपने भीतर की मनुष्यता हमें अपने आचरण से घटित करना पड़ती है। शुचिता हमारे हमारे जीवन में संयम सदाचार से शुचिता पवित्रता प्रकट होती है। यह देखना है कि हमारी श्रद्धा कैसी है अंध श्रद्धा है या अटल श्रद्धा हैै, श्रद्धा की सार्थकता तब है जब व अटल हो।

संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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