पारस जैन " पार्श्वमणि" पत्रकार कोटा (राज)-राम कृष्ण महावीर का यह देश एक दिन विश्व गुरु बनेगा ।शायद यह अब सिर्फ सपना ही रह जायेगा। आगामी 1 अप्रेल 2020 से नीति आयोग का प्रस्ताव जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये माँस ,मछली और अण्डे बेचें जायेगे। यह भारतीय संस्कृति के इतिहास में काला दिवस होगा। जहाँ राम राज्य में दूध मिला ।कृष्ण राज में घी अब कलयुग की बलिहारी है अब अण्डे मांस मछली मिलेगे। बहुत गम्भीर स्थिति है। हम कहाँ से कहा जा रहे है। यह बड़ा सोचनीय चिंतनीय विषय है। एक ओर मध्यप्रदेश सरकार 1 अप्रेल 2020 से आँगन बाड़ी के अंतर्गत 6 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक के 10 लाख मासूम बच्चों ओर गर्भवती महिलाओ को कुपोषण की आड़ में अण्डा देने की योजना बना रही हैं। आज यदि बच्चों को अण्डा देगे तो कल मांस शराब का भी सेवन करेंगे। यह दूसरी ओर यह बहुत बड़ी विडंबना है ।भरत के भारत वर्ष में कभी सपने मे भी नही सोचा था । की इस पावन वसुंधरा पर ऐसा भी हो सकता है । यहाँ साधनों की नही साधना की पूजा होती है यहाँ के वीरों ने अपनी मात्र भूमि के लिए हँसते हँसते प्राण न्योछावर कर दिये। यहाँ इस तरह मांसाहार का कुचक्र चलाया जाएगा । कभी नही सोचा था। भारत देश को माँ की नगरों से देखा जाता है। यहाँ की संस्कृति अहिंसा प्रधान रही है । एक ओर जहाँ चीन कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति से गुजर रहा है वही भारत को भी मांसाहारी बनाया जा रहा है।सम्पूर्ण विश्व के लोग भारत की पूर्व संस्कृति को अपना रहे है आदर्श मान रहै है वही हम पश्चात संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं यह ठीक नही है।यह पतन की ओर बढ़ने का संकेत है। जब जब भी इस पवित्र वसुंधरा पर पापाचार , हत्याचार, अनाचार बड़ा है तब तब सुनामी, अकाल, महामारी ,भूकम्प ,अतिव्रष्टि अनावर्ष्टि हुई है। इसे हम सबको ध्यान रखना चाहिए। अब समय आ गया है हम सब हिन्दू ओर जैन शाकाहारी एक बेनर के नीचे आकर अपनी पूरी ताकत के साथ एक जुट होकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करें जो कि स्वयं एक शाकाहारी होते हुए पूरे भारत में मांसाहार को अपनाने पर क्यों जोर दे रहे हैं।यह बहुत बडा भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात है।हिंदुस्तान के हिंदुत्व ओर जैन के जैनत्व की संस्कृति अब खतरे में पड़ गई हैं। उसकी रक्षा के लिये हम सब को राष्ट्रीय संन्तो के साथ संगठित होकर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से इस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग करना चाहिए। यदि हम कुछ नही कर पाए तो 1 अप्रेल 2020 काला दिवस होगा ।

