हार के बाद जीत अवश्य मिलती है, आत्महत्या समाधान नहीं : आचार्य

कतिसौर-आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के शिलान्यास महोत्सव के अवसर पर धर्मसभा में राष्ट्रसंत आचार्य सुनील सागर जी महाराज  ने कहा कि कुछ लोग कठिन रास्तों को देखकर अपने फैसले बदल देते हैं और कुछ लोग अपने फैसलों से रास्ते बदल देते है। जीवन में कई संघर्ष आते हैं उनसे घबराकर आत्म हत्या कर लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं करें। जीवन मरने के लिए नहीं मिला है। हार के जीत अवश्य मिलती है।
मुनि संघ के प्रवेश को लेकर जैन समाज व अन्य समाजों के लोग सवेरे से ही गाजे बाजे के साथ भैरव मंदिर मार्ग पहुंच गए। जैसे ही मुनि संघ मंदिर मार्ग पहुंचा, जयकारों के साथ ससंघ की अगवान की गई। यहां से ससंघ के आगे महिलाएं कलश धारण कर चली। युवा वर्ग जयकारों लगाते हुए चल रहे थे। दो किमी के रास्ते में कई परिवारों द्वारा पाद प्रक्षालन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला प्रमुख छगनलाल जैन ने की। इस अवसर पर काफी संख्या में सर्व समाज के लोग शामिल हुए।
मंदिर का किया शिलान्यास :
 जैन दिगंबर समाज के तत्वावधान में चल रहे शिलान्यास कार्यक्रम के प्रतिष्ठाचार्य महावीर गिंगला, ध्वजारोहण अमरचंद जैन रोडजी परिवार ने किया।
मुख्य शिलान्यास कर्ता गटुलाल गौतम लाल जैन परिवार द्वारा जयकारों के साथ शिला को रखवाकर मुर्हत किया। कांतिलाल मेहता पाडवा ने भूमि पूजन कर शिलाएं रखीं। रात्रि में आचार्य की आरती की व भजन संध्या का आयोजन किया गया।
आज बोडीगामा के लिए करेंगे विहार :
 आचार्य सुनील सागर शनिवार दोपहर 2 बजे बाद बोडीगामा के लिए विहार करेंगे। आचार्य नरवाली में 17 से 20 फरवरी तक आयोजित होने वाले महोत्सव में भाग लेंगे।
         संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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