कुपोषितों को मांसाहारी खाद्य छोड़कर प्रोटीन का कोई अन्य स्रोत तलाशा जाए:जैन समाज

रहली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पीएमओ के निर्देशन में सरकार के थिंक टेंक नीति आयोग द्वारा बन रहे विजन डॉक्यूमेंट 2035 में राशन दुकानों के माध्यम से पीडीएस के जरिए मांसाहारी खाद्य सामग्रियों को जोड़ने की योजना बना रहा है।
मांसाहारी खाद्य सामग्री वितरण कराने के विरोध में जैन समाज ने पीएम नरेन्द्र मोदी के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम दफ्तर में सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि भारत के राजपत्र में दिनांक 1 अगस्त 2011 को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली की अधिसूचना में अंडा, मांस, मछली या चि किन को मांसाहार खाद्य सामग्री के रूप में अधिसूचित की जा चुकी है। नीति आयोग के सदस्य प्रो रमेशचंद्र ने भोजन में भरपूर प्रोटीन दिया जाना लक्ष्य किया है। इससे बजट पर 1.84 लाख करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा। भगवान राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध ने उपदेशों में जीवदया, प्राणीमैत्री, प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है। एक ओर सरकार महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर अहिंसा के संदेश प्रसारित कर रही दूसरी तरफ बापू के अहिंसा के मूल सिद्वांत की हत्या कर मांसाहारी खाद्य सामग्री जोड़ रही। ज्ञापन में मांग की गई है कि पीडीएस की सूची से अंडा मांस मछली चिकन मांसाहारी खाद्यों को हटाया जाए और प्रोटीन के अन्य विकल्प तलाश किए जाएं।
ज्ञापन सौपने वालों में जैन समाज अध्यक्ष सुशील जैन, संतोश जैन,सुरेश चंद्र जैन, सुरेन्द्र आजाद, मुकेश जैन, संदीप जैन, दीपक जैन, साहित्य जैन समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
         संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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