बोलने की कला सिखाती है माँ-मुनि श्री सुब्रत सागर महाराज



बैराड़-बैराड में बड़े ही भक्ति भाव के साथ श्री 1008 जिनबिम्ब पंच  कल्याणक प्रतिष्ठा व गजरथ महोत्सव का आयोजन चल रह है।
आचार्य श्री  विद्यासागर महाराज के शिष्य सुव्रत सागर महाराज के सानिध्य में प्रतिष्ठा आचार्य बाल बह्मचारी संजय भैया जी मुरैना एव बाल बह्मचारी आशु भैया जी के मार्ग दर्शन में पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन अयोध्या नगरी बैराड़ में चल रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे दिन मुनि श्री सुव्रत सागर महाराज ने गोद भराई कार्यक्रम में  माँ का महत्व बताते हुए बताया कि माँ की तुलना संसार मे किसी से भी नही की सकती है। माँ का गुणगान तो भगवानों ने भी किया है। आज के संसार मे कुछ लोग अपने माँ को आश्रम भेज देते है। माँ की महिमा बताते हुए कहा कि माँ अपन गर्भ में नौ माह तक बच्चों को रखती है और उस माँ को आप लोग वुद्ध आश्रम में भेज देते है अभी एक सात- आठ किलो के पत्थर को बद कर तीन घटे काम करेंगे बता देना और माँ आपको नौ माह तक अपने गर्भ में  रखा कर काम करती है। जब जन्म होता है तो सबसे पहले माँ बोलना बच्चा सीखता है। माँ बच्चे को अच्छे संस्कार देती है। 
मुनि श्री ने कहा माँ एक अच्छे संस्कार बच्चों को देती है भगवान राम जो संस्कार के चलते अपना राजपाट छोड़ वन में चले गए।
बैराड़ में गर्भ कल्याण महोत्सव मनाया गया जिसमें प्रातः कालीन बेला  में जिनाभिषेक एव पंचकल्याण महोत्सव की पूजा हुई ।कल्याणक उन्ही के होते है जिनका अंतिम भव होता  है उन्होंने कहा  अयोध्या नगर में भगवान के गर्भ में आने से पूर्व कुबेर द्वारा 14 करोड़ रत्नों की वर्षा की जाती है ताकि कोई गरीब न रहे उन्होंने मार्मिक प्रवचन देते हुए कहा सँस्कार का जीवन मे बहुत बड़ा महत्व है
बालक तीर्थकर के गर्भ में आते ही सौधर्म इंद्र को पता चल जाता है और वो अपना बैभव छोड़ अयोध्या नगरी में आ जाता है।
 उन्होंने कहा रानी मरुदेवी सोलह स्वप्न को देखती ही तो तब माता की प्रसन्नता को कोइ नही समझ सकता।
पंच कल्याणक में माता मरुदेवी की गोद भराई की रस्म में सभी ने माता की गोद भारी।
इसी दौरन बाहर से पधारे हुए परिवार की शुक्रबार को भोजन प्रदाता परिवार जन विनोदकुमार संतोष कुमार,विपिन कुमार बमरा वाले एव शिखरचंद जैन प्रमोद कुमार जैन पोहरी द्वारा की गई।


आज पाण्डुक शिला पर होगा जन्माभिषेक-बैराड़ में चल रहा पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आज अयोध्या नगरी में तीर्थकर बालक का जन्म होगा। बालक के जन्म अभिषेक सौधर्म इंद्र 1008 कलशों से पाण्डुक शिला पर जन्माभिषेक करेगे।
बैराड़ नगर में मुख्य कार्यक्रम स्थल से जन्म अभिषेक कार्यक्रम में विशाल यात्रा पाण्डुक शिला पर पुहचकर जन्मअभिषेक करेगे।

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