बिजोलिया,-कस्बे के 10 चाैराहाें पर करीब 500 किलाे अहिंसा के फूल बरसाती 5-5 ताेपें। भगवान के रथ काे खींचते दाे हाथी। 225 कमल पर श्रीजी का विहार कराती देवियां, स्वर्ण व रजत रथ के साथ नृत्य प्रस्तुत करते युवा एवं 64 चंवर ढोलते देव। यह नजारा था शनिवार काे पंच कल्याणक महाेत्सव के आखिरी दिन जिनबिंब माेक्षकल्याणक गजरथ यात्रा का। करीब दो किलोमीटर लंबी यात्रा में दाे हाथियाें वाला रथ करीब पांच घंटे में 7 किमी दूरी तय कर वापस तपाेदय तीर्थ क्षेत्र पहुंचा। मुनि श्री सुधासागर जी महाराज संघ के सानिध्य में बैंडबाजे की स्वर लहरियों बिखरती चल रही थीं।
साढ़े 13 फीट का 3 क्विंटल वजनी कलश चढ़ाने एवं भगवान को विराजमान करने का सौभाग्य कोटा के कैलाशचंद, मानकचन्द, रमेशचंद, विनोद व संतोष सर्राफ को मिला। शिखर पर ध्वजा दंड की लंबाई साढे 33 फीट, जिसका वजन ढाई क्विंटल है, जिन्हें 161 फीट की ऊंचाई पर ले जाकर चढ़ाया गया। भगवान पर छत्र के पुण्यार्जक कमलेश जैन दिल्ली थे। अजमेरा ने बताया कि यहां करीब 300 किलाे चांदी के तीन छत्र चढ़ने हैं, उनमें से एक छत्र शनिवार काे चढ़ाया गया। भगवान पर प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य कैलाश,रमेशचंद,विनोद सर्राफ कोटा तथा तरुण जैन सवाई माधोपुर को मिला। मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने मुनिश्री का पाद प्रक्षालन किया। गजरथ यात्रा में साैधर्म इंद्र, इंद्राणी एवं भगवान के माता-पिता हाथी पर सवार थे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी