श्री महावीरजी-दुनिया को जीओ और जीने दो का संदेश देने वाले, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2619 वां जन्म कल्याणक महोत्सव (महावीर जयन्ती जैन बन्धुओं द्वारा भक्ति भाव से मनाया गया। मंदिर कमेटी के जनसंपर्क अधिकारी पंडित मुकेश शास्त्री, प्रचार सह संयोजक चंद्रेश कुमार जैन ने बताया कि लॉकडाउन के मध्य नजर इस बार जैन समाज द्वारा महावीर जयन्ती के सामूहिक आयोजन नही किये गए। मंदिरों के बन्द होने के चलते मंदिरों में जन्माभिषेक व पूजा अर्चना के आयोजन भी नहीं हुए।जैन ने बताया कि निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्री सुधा सागरजी महाराज, मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज, आचार्य विमल सागर जी महाराज, आचार्य सुकुमाल नंदी जी, मुनि युधिष्ठिर सागर जी सहित देश के सभी दिगंबर जैन संतों ने प्रशासन के निर्देशों व सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए जयंती को घरों में ही मनाने का आव्हान किया था।जैन ने बताया कि इसी कड़ी में प्रातः 5 बजे सर्व प्रथम नींद से उठते ही हाथ धोकर ‘ॐ ह्रीं झें प्रां प्रीं प्रौं अरिष्ट निवारक इष्ट प्रदायक श्री महावीराय नम:’ मंत्र के 108 जाप के बाद प्रात: 6 बजे बालिकाओं एवं महिलाओं द्वारा घर के बाहर सुन्दर रंगोली बनाकर दीपक जलाए गए। तत्पश्चात प्रातः 7 बजे घर में चौकी भगवान महावीर स्वामी की तस्वीर विराजमान कर उसके चारों ओर रंगोली बनाकर उस पर एक कलश स्थापित कर 5 दीपक जलाकर भगवान की फ़ोटो के समक्ष 13 बार महावीराष्टक या महावीर चालीसा का पाठ किया एवं अष्ट द्रव्य से पूजा की। प्रातः 8 बजे से 5 मिनट तक घर की छत पर या बरामदे में मधुर ध्वनि नाद करते हुए भगवान का जय-जयकार किया। फिर, घन्टानाद, थाली, ताली बजाकर भगवान महावीर के जयघोष लगाए गए। प्रातः 8:05 बजे से 8:30 बजे तक सागर से मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज के सान्निध्य में कार्यक्रम का पारस व जिनवाणी चैनल पर लाइव प्रसारण अनुसार भगवान का अभिषेक, शांतिधारा के बाद भगवान महावीर की अष्ट द्रव्य से भक्तिभाव से पूजा अर्चना देखी व की । इसी प्रकार बिजोलिया में मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम का पारस चैनल पर लाइव प्रसारण के अनुसार प्रातः 8.45 बजे से अभिषेक, शांतिधारा के बाद नित्य नियम तथा भगवान महावीर की पूजा के बाद श्री महावीर भक्तामर विधान पूजा सभी जैन श्रद्धालुओं ने की । पूजा समापन पर गृह शुद्धि के लिए हवन किया।दोपहर में 30 मिनट का स्वाध्याय करके भगवान महावीर के 10 भवों का जीवन परिचय को कथा के रूप में पढ़ा गया। सायंकाल 6 बजे आरती के भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान , भजन संध्या आदि के आयोजन किये। इन पूरे आयोजनों में प्रशासन के निर्देशों की पालना तथा सोश्यल डिस्टेंस बनाये रखी। आरती के दीपकों को घर के बाहर रखकर दीपोत्सव मनाया गया।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी