देशवासियों के संकल्प से एक दिन संकट के बादल हटेंगे : आचार्य

बांसवाड़ा -लॉकडाउन में आचार्य पुलक सागर जी महाराज के आह्वान पर जैन समाजजनों ने सोमवार को घरों मे  ही भगवान महावीर जयंती मनाई। ऐसा पहली बार हुआ है
आचार्य पुलक  सागरजी महाराज  ने लाॅकडाउन के नियमाें की पालना करने पर समाज के लोगों को आशीर्वाद दिया। आचार्यजी ने अपने प्रवचन के माध्यम से बताया कि भगवान महावीर से एक शिष्य ने पूछा कि भगवान चट्टान से अधिक शक्तिशाली क्या होता है। भगवान महावीर ने उतर दिया की लोहा शक्तिशाली होता है, जो चट्टान को भी तोड़ देता है। फिर शिष्य ने पूछा की लोहे से भी शक्तिशाली क्या होता है। भगवान ने कहा अग्नि जो लोहे को भी पिघला देती है। फिर शिष्य ने पूछा की क्या अग्नि से भी अधिक बल किसी में होता है। भगवान महावीर ने कहा पानी में, जो अग्नि को बुझा देता है। फिर शिष्य ने पूछा की पानी से भी शक्तिशाली कौन है। भगवान महावीर ने कहा कि पानी से भी शक्तिशाली मनुष्य के संकल्प में हैं, जो पानी को भी पाताल से निकाल लेता है। फिर शिष्य ने पूछा की संकल्प से भी शक्तिशाली कौन होता है। भगवान महावीर ने कहा की संकल्प से बड़ी दुनिया में कोई ताकत नहीं हैं। शिष्य ने भगवान के पैर छूते हुए कहा की मुझे ऐसी ही शक्ति प्रदान करो, मुझे वह संकल्प प्रदान करो। भगवान महावीर ने हाथ उठाते हुए आशीर्वाद दिया। आचार्यजी ने कहा कि मनुष्य के संकल्प से बड़ा कोई हो नहीं सकता। आज हमारा देश संकट में हैं। कोरोना जैसी बीमारी ने पूरे विश्व को गिरफ्त में लिए हुए है। आचार्यजी ने कहा कि हमारे देश के संकल्प के चलते में हम कुछ बचे हुए हैं। लेकिन कुछ लोग है जो इस संकल्प को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग नापाक काम कर रहे हैं। आचार्य जी ने कहा की इस तरह के कार्यों से हमारे धर्म बदनाम हुआ करते हैं। मंदिर,मस्जिदों की गरिमा बनी रहनी चाहिए। आचार्य जी ने कहा सुनने में आ रहा है कि कहीं जगहों पर हजारों की संख्या में आराधना, इबादत चल रही है। कई जगहों पर डॉक्टर्स पर थूक दिया जाता है। नर्सों पर गलत हरकत की जाती है। कोरोना वायरस को फैलाने का दुस्साहस किया जा रहा है। इस पर रोक लगना चाहिए। आचार्य जी ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के साथ पूरा देश खड़ा हुआ है। पीएम के एक आदेश के चलते दिवाली जैसा माहौल कर दिया। जब दुनिया डगमगा रही थी तब हमारा देश जगमगा रहा था। आचार्य जी ने कहा की मैं कह सकता हूं की आजादी के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के लिए आया है जिसने संघर्षों में ही हंसना सिखाया, संकट की घड़ी में भी ज्ञान की ज्योति जलाई। आचार्य जी ने कहा की जल्द संकटों के बादल हट जाएंगे। बस हमें अपने प्रधान की आज्ञा का पालन करना होगा। जागरूक संत और इमानदार सैनिक ही देश की असली ताकत है। संत और पुलिस दोनों का काम एक ही है। दोनों ही लोगों को सुधारने का काम करते हैं, फर्क इतना है कि संत संकेत से और सिपाही बेंत से समझाता है। जो संत के संकेत को नहीं समझते हैं उन्हें पुलिस के बेंत की जरूरत पड़ती है।
               संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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