बांसवाड़ा-मोहन कॉलोनी स्थित भगवान आदिनाथ मंदिर में आचार्य पुलक सागरजी महाराज ने प्रवचन के माध्यम से बताया भूख आदमी को भिखारी बना देती है, भूख ने भिखारी ही नहीं बल्कि अपराधी भी बनाए है। आचार्य जी ने कहा कि भूख गुनाहगार बनाती है तो भूख साहूकार भी बनाती हैं। भूख से करोड़पति भी बने है तो भूख ने कटोरे लेकर मांगने पर भी विवश किया है। आचार्य जी ने कहा कि कभी सम्राट, तो कभी साहूकार भी भूख बदमान करती है। सब लोग अपनी-अपनी भूख मिटाने में लगे हुए हैं। आचार्य जी ने कहा कि आज तक की दुनिया से मुक्त नहीं हो पाई, आदमी मिट जाता है उसकी भूख नहीं जाती। आचार्य जी ने कहा कि आदमी का पेट नहीं उससे कई गुना बड़ी भूख है। उससे भी बड़ी भूख मन की है। आज तक दुनिया अपनी भूख नहीं मिटा सकी है। आदमी मिट जाता है, लेकिन उसकी भूख नहीं मिट पाती है। आचार्य जी ने कहा कि भूख अगर एक तरह की हो तो मिटाई भी जा सकती है लेकिन आदमी की भी तो अनेक प्रकार की है। मन की भूख से बड़ी तो आदमी को धन की भूख है। मान सम्मान की भूख है, प्रतिष्ठा से जीने की भूख है, तृष्णा की भूख है और ना जाने कितनी तरह कि भूख आदमी के पास है। आचार्य जी ने कहा कि इस महाकुंभ में गरीब हो या अमीर सबके ऊपर एक मालिक है, जिसके आगे समयसमय पर सबको हाथ फैलाना पड़ता है।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी
