जीवन ऐसा जीओ कि मरने के बाद भी दुनिया याद रखे : पुलक सागरजी



बांसवाडा-मोहन कॉलोनी स्थित भगवान आदिनाथ मंदिर में आचार्य पुलक सागर जी महाराज  ने अपने जन्मदिवस पर प्रवचनों के माध्यम से बताया कि आज सारी दुनिया के  भक्तगण दूर दूर से देश से लोग शुभकामनाएं भेज रहे हैं। समर्पण आस्थाएं भेज  रहे हैं। मैं खुद नहीं सोच पा रहा हूं कि लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं,  क्योंकि वो सब कह रहे हैं कि आज मेरा जन्मदिन है। जन्म की खुशियां मनाना  संतों का काम नहीं हुआ करता है। हम तो उस परंपरा में सन्यास लिए हैं, संत  के जीवन का लक्ष्य तो जन्मदिन मनाना नहीं, जन्म मृत्यु से रहित होना है।  आवागमन से रहित होना है। वही पथ मेरा पथ है, लेकिन आज सारे लोग यही कह रहे  हैं कि जन्मदिन मुबारक हो, जीवन के मेरे 50 साल कम हो गए और जिसमें 27 साल  मेरे संन्यास को हो गए हैं। आचार्य जी ने कहा कि जन्म अढ़ाई अक्षरों से  मिलकर बनता है। आगे जा है बीच में ना है लास्ट में मां है। जन्म का अर्थ  होता है जा का अर्थ होता है जन्म बीच में ना आखिरी में मां आता है। आचार्य  जी ने कहा कि ना तो जन्म मेरा है और ना मृत्यु मेरी है। हमारा अध्यात्म  हमारे देश का अध्यात्म कहता है कि आत्मा अजर अमर तक तो है। वह जन्म से भी  नहीं बनती और मृत्यु से भी नहीं बनती। अपने कर्मों का स्वरूप दिखाने के लिए  दुनिया में आती है।
सादगी पूर्वक मनाया गुरुवर का अवतरण दिवस
संत  आचार्य पुलक सागरजी महाराज के 50वां अवतरण दिवस सादगी पूर्वक मोहन कॉलोनी  जैन मंदिर में मनाया गया। सुबह गुरुदेव के पादपक्षालन हुये एवं गुरुदेव का अष्ट  द्रव्य की थाल सजाकर पूजन किया गया। वही भक्तों द्वारा घर घर गुरुदेव  की तस्वीर लगाकर पूजा अर्चना की। साथ ही पूरे देश में फेसबुक द्वारा ऑनलाइन  पूजा एवं अर्चना की गई। इस अवसर पर गुरुदेव के यहां सोशल डिस्टेंस का  ध्यान रखते हुए दो दो करके भक्त गुरुदेव की दीर्घायु कामना करते हुए  गुरुदेव से आशीर्वाद लिया। गुरुदेव ने कहा कि मेरा आशीर्वाद पूरे राष्ट्र  को है जो इस कोरोना महामारी से पीड़ित है। पुलक मंच प्रवक्ता महेंद्र  कवालिया ने बताया मंच द्वारा 50 क्विंटल गेहूं गुरुदेव के अवतरण दिवस पर  जरुरतमंद परिवार को दिया गया। साथ ही गुरुदेव के अवतरण “दिवस पर शिखा  सारेगिया द्वारा गुरुदेव का अपने हाथों से चित्र बनाया। मंच के अध्यक्ष  हेमंत सेठ, संजय, कालू, संजय शाह, अशोक बोरा समाज वह अनेक भक्तों ने  गुरुदेव से आशीर्वाद लिया।
     संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी

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