राजनीतिक हलचल - सूबे की राजनीति में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भले ही अभी वक़्त हो लेकिन उठापटक शुरू हो चुकी है,भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने अपने दांवपेंच चल रहे हैं । हालांकि दो सीटों को छोड़कर शेष 22 सीटों पर भाजपा सिंधिया को दिए वचनों में बंधी है,और वादे के मुताबिक 22 सीटों पर सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक और मंत्रियों को ही भाजपा से टिकिट मिलना है ऐसे में भाजपा के दावेदार अपने राजनीतिक भविष्य को गर्त में जाते नहीं देखना चाहते हसीन इसलिए भाजपा कि और से प्रबल दावेदार माने जाने वाले नेता विकल्प की तलाश में है ।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पोहरी के पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे कांग्रेस का हाथ थाम सकते है क्योंकि पोहरी से सिंधिया के निष्ठावान सिपाही सुरेश धाकड़ भाजपा के उम्मीदवार होंगे । बिरथरे के कांग्रेस में शामिल होने की खबर को और अधिक बल तब मिलता दिख गया जब प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत नरेंद्र बिरथरे के घर चाय के बहाने ही सही मुलाकात करने पहुंच गए।
इस मुलाकात के दो मायने निकाले जा रहे हैं पहला तो ये कि अपने राजनीतिक भविष्य को बचाने बिरथरे भाजपा से बगावत कर कांग्रेस का हाथ थामकर भाजपा को चुनौती दे सकते हैं,और यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो दूसरा पहलू इस मुलाकात का ये भी निकला का सकता है कि रावत पोहरी से अपनी राजनीतिक बिसात बिछा ने कि कोशिश में है ऐसे में बिरथरे से मित्रता का वास्ता देकर सहयोग के सकते है ,जो कुछ होगा उसमे अभी वक़्त है लेकिन एक बात तो तय है कि आने वाला समय न तो भाजपा और न ही सुरेश धाकड़ के लिए सही है क्योंकि बगावत के स्वर की आहट अभी से सुनाई देने लगी है । फिर भी ये राजनीति है कयासों का दौर चलता रहता है और संभावनाओं को नकारा भी नहीं जा सकता है ।
