बांसवाड़ा-मोहन कॉलोनी स्थित भगवान आदिनाथ मंदिर में आचार्य पुलक सागरजी महाराज ने कहा कि अगर आप में हौसला हो तो फिर आपकी मंजिल कितनी भी बड़ी हो आप से दूर नहीं हो सकती। शारीरिक शक्तियां मनोबल से चलती है। आचार्य जी ने कहा कि अगर मन कमजोर है तो फिर शरीर असमर्थ ही रहेगा और दोष भाग्य को जाएगा। किसी भी सफलता के लिए आपके भीतर की शक्ति मजबूत होनी चाहिए। आचार्य जी ने कहा कि किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उसका सपना देखना होता है। अगर हममें कल्पना करनी कि शक्ति नहीं हो तो फिर जीवन में सफलता मिलना मुश्किल है। दुनिया की ताकत और धन कभी किसी को सफल नहीं कर सकता जब तक आप अविश्वासी हैं। आचार्य जी ने कहा कि आत्म विश्वासी होना एक शक्तिशाली हथियार है जिससे संसार का हर युद्ध जीता जा सकता है। साहसी व्यक्ति में सब काम कर जाते हैं, निराशा से कुछ नहीं होता जाता। अंत में विश्वास का उत्थान होना है। आचार्य जी ने कहा की मरना तो सबको एक दिन है लेकिन मरने से पहले खुद ही मर जाना वीरता नहीं कायरता है। आचार्य जी ने कहा कि पशु पक्षी सभी जीवन से खुश रहते हैं लेकिन समझदार आदमी ही आत्महत्या की सोचता है। लोग क्यों आत्महत्या के लिए कदम उठा लेता है। संसार में आत्महत्या ही किसी चीज का समाधान नहीं है और आत्महत्या ही एक समस्या होती है। आचार्य जी ने कहा की हमें संकल्प करना होगा कि हमें जिएंगे अपने लिए ही नहीं सही परिवार के लिए तो जीना ही होगा। आचार्य जी ने कहा मुश्किल हर किसी के जीवन में आती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आत्महत्या जैसा कदम उठा लेना चाहिए। कई बार आदमी का सब कुछ चला जाता है जाता है। बड़े-बड़े लोग बेघर हो जाते है लेकिन जीवन में संघर्ष कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी
