शिवपुरी-ये सम्मान औपचारिकता नहीं ..वाकई तुम इस दौर की पीढी में में हिन्दी पत्रकारिता के सच्चे रक्षक हो....
उम्र भले ही कम है पर अनुभव एक दशक से अधिक का..अधिकांश युवा इस दौर में पत्रकारिता में सिर्फ ग्लैमर की तलाश में आए और चंद दिनों में ओझल हो गए कुछ बचे भी पर वजूद बना नहीं पाए ...ग्लैमर की चाह में हिन्दी पत्रकारिता में आने वाले इन बेहद अस्थाई चेहरों के बीच एक युवा पत्रकार शिवपुरी में एसा भी है जो इन सबसे अलग है ...नाम देवेंद्र समाधिया ...डेस्क पत्रकारिता के हावी हो रहे इस दौर में सामाजिक सरोकार और खोजी पत्रकारिता को जीवित रखने की जिद के साथ वाकई धरातल पर काम कर रहे इस युवा पत्रकार के जज्बे को सलाम ...हाल ही में कोरोना संकट के बीच जब कतिपय पत्रकार सिर्फ कोरोंटाइन पत्रकारिता के लिहाफ में काम कर रहे हैं तो देबू इस विषम परिस्थिति में भी कोरोना में सरकारी तंत्र की लापरवाही और गरीबों के मर्म तक पहुंचकर उसे शब्दों में बेबाकी से बंया करता रहा है ...आज हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पर इस युवा पत्रकार का छोटा सा सम्मान तो बनता है ताकि इस दौर में सिर्फ ग्लैमर की चाह के साथ पत्रकारिता में आने वाले युवा देबू जैसे जमीनी और जुनूनी पत्रकार से कुछ सीख लें और उसकी तरह सीखने की असीमित ललक को कायम रख सच्चे पत्रकार बनने की राह पर बढ सके ....इस कोरोना काल मे जनहित के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने के लिए मप्र पत्रकार संघ आपको सम्मानित करते हुए गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

