माँ दिवस पर माँ को समर्पित,तेरे सवर जायेगे परिणाम


तेरे सवर जायेगे परिणाम
अगर तूने रखा सदा मात पिता का ध्यान 
हिमगिरि जैसी ऊँचाई है 
सागर जैसी गहरायी  है 
दुनिया मे जितनी खुशबु है माँ के आँचल से आयी है 
हर रोज़ आंखो का माँ का दीदार हो जाता है
दिन कोई सा भी हो मेरे लिये त्योहार हो  जाता है 
सभी को हसाने की ख्वाइश है मेरी
मै किसी को रुलाना नहीं चाहता 
मेरी भी तमन्ना है ऊँचा उठू
पर किसी को गिराना  नहीं चाहता
जिसने पैदा किया डर  छिपाकर मुझे 
और कोई भी गम चुराकर मुझे  
रात दिन जिसने मेरी राहे तकी 
और खाया निवाला खिलाकर मुझे 
प्रभु रूठ जाये मना लूँगा फिर 
दिल माँ का दुखाना नहीं चाहता
एक भी आँसू माँ का गर निकल जायेगा 
तेरा दुनिया मे आना विफल  जायेगा 
साथ मे तेरे इनके दुआये रही 
वक़्त बुरा तेरा मान निकल जायेगा

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