भगवान की स्तुति से ही संभव है आपदा का निवारण मुनि श्री

चँदेरी-श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पुराना मंदिर में जैन धर्म के 15वें  तीर्थंकर भगवान श्री धर्मनाथ जी का निर्वाण कल्याणक महोत्सव मनाया गया।  मंदिर में विराजमान मुनिश्री निर्णय सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में  मनाया गया। इस दौरान विश्व शांति विश्व कल्याण के लिए भगवान की शांतिधारा  की गई। नित्य पूजन के बाद मंदिर में भगवान के निर्वाण कल्याण महोत्सव पर  निर्वाण कांड पढ़कर निर्वाण लाड़ू चढ़ाया गया।
जैन समाज के प्रवक्ता प्रवीण  जैन ने बताया कि शहर में मुनिश्री निर्णय सागर जी महाराज, मुनिश्री  पद्मसागर जी महाराज, ऐलक श्री क्षीर सागर जी महाराज विराजमान हैं। भगवान  धर्मनाथ जी के निर्वाण कल्याणक पर मंदिर में विराजित मुनिश्री ने अपने  संदेश में कहा कि हम सभी को भगवान की भक्ति करने में कभी भी पीछे नहीं रहना  चाहिए। भगवान की भक्ति से समस्त उपद्रव टलते हैं। इस बात को आज पाश्चात्य  देशों के कई राष्ट्राध्यक्ष भी अपने संदेश के माध्यम से दे चुके हैं। जो  हमारे भारत देश की संस्कृति को अपना रहे हैं। जैसे अभी कोरोना काल में  अमेरिका की संसद में भी सभी धर्म के पंडितों द्वारा वेद पाठ, जैन णमोकार  महामंत्र का पाठ आदि कराया गया है और हम संपूर्ण मंदिरो को बंद रखकर  नास्तिक होते जा रहे हैं। सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त इस कोरोना महामारी के  निवारण के लिए सभी धर्म के अनुयाइयों से आग्रह किया कि सभी अपने अपने  आराध्य देव कि आराधना करें. भगवान की स्तुति से ही इस आपदा का निवारण सम्भव  है।
         संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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