दो आचार्यो का महासमागम पुलकसागर जी अनुभबसागर जी महाराज महमिलन


बांसवाड़ा -सूर्योदय के साथ हाउसिंग बोर्ड स्थित महावीर दिगंबर जैन मंदिर में दो  यशस्वी आचार्यों का महामिलन हुआ। आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज  और आचार्य  श्री अनुभव सागर  जी  महाराज का यह  महामिलन उपस्थित bhakto  को भावभोर कर गया। इस अवसर पर आचार्य श्री   अनुभव सागर जी महाराज ने कहा कि संतों का मिलन समाज को सदैव एकता के सूत्र में  बंधने की प्रेरणा देता है। परम्परा की विभिन्नता के बावजूद संताें की एकता  समाज को नई दिशा देता ही। आचार्यजी ने कहा कि संत मिलते हैं तो संस्कारों  की बात होती है। पुरुष मिलते हैं तो व्यापार और व्यवहार की बात होती है।  जबकि महिलाएं आपस में मिले तो साड़ी और गले के हार की बात होती है। महिलाओं  को धन और आभूषण के प्रति सहज ही आकर्षण होता है। आचार्यजी ने कहा कि अगर  आपके पास एक सिक्का है और मेरे पास एक सिक्का है अगर हम उसे अदला बदली करें  तो भी हम दोनों के पास एक एक सिक्का ही होगा। लेकिन अगर आपके पास एक विचार  है और मेरे पास एक विचार है और हम एक दूसरे से साझा करें तो हम दोनों के  ज्ञान में वृद्धी होती है। तभी तो आचार्यों ने कहा कि ज्ञान वही है जो  मैत्री का प्रसार करे, मोह की हानि और प्रेम की वृद्धि करे, चरित्र की और  प्रगति करे।
       संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी

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