दमोह-वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने जैन धर्मशाला में अपने शिष्यों के बीच स्वाध्याय करते हुए कहा वर्तमान समय समस्या से भरा हुआ नजर आ रहा है। एक तरफ बारिश न होने से हम साधु संतों को व्रत उपवास करने में परेशानियां बढ़ रही हैं तो दूसरी तरफ रोग बढ़ रहे हैं। किसान परेशान है, कोरोना महामारी विकराल रूप ले रही है, जिनका समाधान सरकार और विश्व के वैज्ञानिक भी नहीं खोज पा रहे हैं।
आतंकवाद अपनी जड़ें जमा रहा है लॉकडाउन की वजह से धंधा, पानी और उद्योग सब चौपट हो रहे हैं ऐसी स्थिति में गरीबी में गीला आटा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। उन्होंने कहा बारिश न होने से नए नए वायरस उत्पन्न हो रहे हैं जिससे बीमारी फैल रही है। इसका उपाय बताते हुए आचार्य श्री ने कहा गंदगी, प्रदूषण, धूम्रपान, मद्यपान और बाजार के भोजन से बचें। शुद्ध, सुपाच्य गरम भोजन करें पानी उबालकर पिए, फल, सब्जी अच्छी तरह धोकर दूसरे दिन उपयोग में लें। आचार्य श्री ने कहा रोगी को सेवा करने वाली की जरूरत पड़ती है, सेवा वही कर सकता है जो कि स्वयं निरोगी होगा। उत्तेजना में और क्रोध में आकर कोई कार्य नहीं करना चाहिए ऐसी अवस्था में कार्य करने से सफलता और यश नहीं मिलता है। क्षमा और विवेक से किए गए कार्य सरहना होती है और सफलता मिलती है। क्षमा से जीवन मे प्रेम, सुख, शांति मिलती है और मैत्री बढ़ती है, जबकि दुख और दुश्मनी स्वतः ही घट जाती है।
आत्म विश्वास और साहस के साथ कि गई मेहनत से सफलता चरण चूमने लगती है। जो तनाव को झेलने और निंदा, आलोचना को सुनने की क्षमता रखते हुए अपने लक्ष्य की ओर पुरुषार्थ पूर्वक बढ़ता जाता है, वह एक दिन महापुरुष बन जाता है। आचार्य श्री ने जीवन में सच्चा पथ ज्ञान के साथ पथ प्रदर्शन करने वाले गुरु का मिल जाना बड़े सौभग्य की बात है। जीवन की अमूल्य निधि है और ईश्वर की सबसे बड़ी कृपा है, सदगुरू का आशीर्वाद और सानिध्य बना रहना जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है, गुरु नाम से आज बहुत पूजे जा रहे हैं। लेकिन बनावटी गुरु से सावधान रहना चाहिए।
बैठक में निर्णय: मंदिर जी में बैठकर पूजा करने पर रोक
राजेंद्र अटल ने बताया कि श्री दिगंबर जैन मंदिर नन्हे मंदिर में कमेटी की एक मीटिंग हुई जिसमें कोरोना महामारी को देखते हुए निर्णय लिया गया कि मन्दिर जी में किसी की पूजा, अर्चन के बर्तन एवं द्रव्य सामग्री नहीं ली जाएगी और न वहां मंदिर जी में बैठकर पूजा करने दी जाएगी। सिर्फ गेट के पास से दर्शन करने का ही अवसर दिया जाएगा। सुबह 6 बजे से 8.30 बजे तक प्रतिमा का अभिषेक एक वेदी पर पूर्व से निर्धारित सिर्फ दो व्यक्तियों को दिया जाएगा। इसके बाद आचार्य संघ का स्वाध्याय होगा एवं 9.45 बजे पड़गाहन करके आहारचर्या होगी।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी