जैन संतों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखने वाले योगेशचंद्र की अग्रिम जमानत निरस्त



भोपाल। पिछले एक वर्ष से जैन आचार्यों एवं मुनियों के खिलाफ लगातार आपत्तिजनक व मनगढंत बातें एवं वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले अलीगंज जिला एटा उप्र के डाॅ. योगेशचंद्र जैन की अग्रिम जमानत आज भोपाल जिला न्यायालय ने खारिज कर दी। भोपाल क्राईम ब्रांच ने आज इस मामले में योगेशचंद्र के खिलाफ धारा 295 भी बढ़ा दी है। 

योगेशचंद्र के खिलाफ भोपाल के पत्रकार रवीन्द्र जैन ने एफआईआर दर्ज कराई है। भोपाल क्राईम ब्रांच ने योगेशचंद्र को गिरफ्तार करने अलीगंज यूपी में छापे भी मारे थे, लेकिन वह फरार हो गया। योगेशचंद्र ने भोपाल जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया था। शनिवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश श्रीमति निहारिका सिंह ने इस मामले की सुनवाई की तो फरियादी रवीन्द्र जैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. विजय चौधरी ने तर्क दिया कि योगेशचंद्र पढ़ा लिखा होकर, समाज विरोधी मानसिकता का व्यक्ति है। उसके कृत्य से देशभर के जैन समाज सहित सभी समाजों में तीव्र रोष है। यदि कोरोना काल नहीं होता तो जैन समाज सड़क पर उतरकर विरोध कर रहा होता। उन्होंने कहा कि जैन संतों के त्याग तपस्या और उनकी साधना अप्रतिम है। क्राईम ब्रांच पुलिस की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने भी जमानत का तीखा विरोध करते हुए कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर उसका मोबाइल व अन्य उपकरण जप्त करने हैं। न्यायाधीश ने बहस सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।

पुलिस ने धाराएं बढ़ाईं
इस मामले में रवीन्द्र जैन के आवेदन पर क्राईम ब्रांच थाने ने 4 अगस्त को धारा 505 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने जांच के बाद इस प्रकरण में 295 भी बढ़ा दी है। फरियादी रवीन्द्र जैन का कहना है कि योगेशचंद्र के खिलाफ आईटी एक्ट के साथ-साथ मीसा के तहत कार्रवाई की जाए, क्योंकि ऐसे व्यक्ति के कारण समाज में बहुत रोष व्याप्त है।


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