सिंधिया जिनके लिए अलग हुए वही आए हिस्से में


राजनीतिक हलचल- एक बहुत पुरानी कहावत ग्रामीणों से सुनी जाती है कि जिसके लिए अलग हुए वही हिस्से में आ गई और यही कहावत अब मध्यप्रदेश की राजनीति पर सटीक बैठती नज़र आ रही है I मध्यप्रदेश में कांग्रेस के तेज तर्रार नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ दिया था कि कांग्रेस जनता से किए वादे पूरे नहीं कर रही है, कांग्रेस छोड़ने के बाद सिंधिया ने भाजपा जॉइन कर ली थी और अब कमलनाथ की नहीं बल्कि कमल दल की सरकार है I
आपको बता दें कि सिंधिया ने कर्जमाफी और अतिथि शिक्षकों के नियमित करण के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की धमकी दी थी, उसके बाद क्या हुआ ये किसी से छुपा नहीं है, लेकिन जिन मुद्दों पर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी थी उन्हीं मुद्दों पर न तो अब सिंधिया बात करते हैं और न ही भाजपा, बल्कि भाजपा ने उन मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, पूर्व की सरकार में आने वाला ₹100 का बिजली बिल अब हज़ारों में आ रहे हैं और ₹51000 कन्यादान की राशि अब ₹28000 हो गई लेकिन जनता के हित की लडाई लड़ने वाले सिंधिया मूक बधिर बनकर बैठे हैं, राजनीतिक गलियारों में तो चर्चा है कि सिंधिया जिसके लिए अलग हुए वही हिस्से में आ गया I

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