मुरैना:- दस साल की दिग्गी सरकार को हटाने के लिए भाजपा ने नारा दिया था कि "फूटी सड़कें बिजली गोल - दिग्गी तेरी खुल गई पोल" और इसी नारे को सूबे की जनता ने दिल और दिमाग में इस तरह बिठा लिया कि कांग्रेस विपक्ष के लायक नहीं रही, प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार 2003 में उमा भारती के नेत्रत्व में ऐसी बनी कि फिर 2008,2013 में शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर बनती ही गई I
शिवराज सिंह ने सड़क, बिजली के क्षेत्र में अनुकरणीय पहल की, कोई भी गाँव अँधेरे में न रहे लेकिन जौरा विधानसभा के अंतिम छोर का गाँव कुसमानी दिग्गी सरकार में भी अँधेरे में था और शिवराज सरकार में भी, गाँव में अटल ज्योति योजना के तहत बिजली भले ही न मिल रही हो लेकिन बिल बकायदा ग्रामीणों को थमाए जा रहे हैं, ऐसा नहीं है कि आला अधिकारी और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के संज्ञान में ये मामला न हो, कई बार लिखित रूप से शिकायत तो की है और सहायक अभियंता विजयपुर के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया, जिम्मेदार अधिकारियों ने दस दिन में बिजली व्यवस्था ठीक करने का आश्वासन दे तो दिया लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद में समस्या जैसी की तैसी बनी हुई है I
ग्रामीणों का कहना है कि एक हफ्ते में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ऊर्जा मंत्री का घेराव किया जाएगा और इस समस्या के लिए ग्रामीणों ने दलगत राजनीति को किनारे कर आगामी विधानसभा उपचुनाव में बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है, उनका कहना है कि बिजली नहीं तो वोट नहीं I
