राजनीतिक हलचल: मध्यप्रदेश में जैसे - जैसे उपचुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे नए नए आंदोलन उग्र रूप ले रहे हैं, एक तरफ OBC आरक्षण की सुलगी चिंगारी अब ज्वाला का रूप धारण कर रही है वही दूसरी ओर "मैं भी बेरोजगार " की मुहिम ने जोर पकड़ लिया है I सार्वजनिक तौर से मंचों से कांग्रेस छोड़ने का कारण बताने वाले सिंधिया ये भी कहते हैं कि वे किसानों के कर्जमाफी सहित अतिथि शिक्षकों के नितमितिकरण के लिए लड़ते रहे लेकिन कांग्रेस ने तवज्जों नहीं दी, यही कारण है कि जनता के हित के लिए उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था I
जैसा कि आपको विदित है कि कांग्रेस में उपेक्षा झेल रहे सिंधिया के सामने एक कार्यक्रम के दौरान जब अतिथि शिक्षकों ने जब नितमितिकरण की माँग की तो सिंधिया ने अपने तेज तर्रार लहजे में गरजते हुए कहा कि मैं आपके साथ हूँ यदि सरकार आपकी बात नहीं सुनेगी तो मैं आपके साथ सड़क पर उतरने के लिए तैयार हूँ, इसके बाद का घटना क्रम किसी से छुपा नहीं है I सड़क पर उतरने वाले सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और अब वे भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी है लेकिन सिंधिया भाजपा में शामिल होने के बाद से अतिथि शिक्षक नितमितिकरण पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन सिंधिया का ये वादा भाजपा के लिए गले की फांस बनता दिख रहा है, ऐसे में भाजपा को डर भी सता रहा है कि कहीं ये अतिथि आने वाले उपचुनाव में भाजपा की नैया न डुबों दें, आपको बता दें कि जगह जगह सिंधिया सहित मंत्रियों से मिलकर अतिथि शिक्षकों द्वारा ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं, विगत दिनों पोहरी में भी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा को भी ज्ञापन सौंपा गया I
