स्कूटी चोरी करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त



जबलपुर-  थाना हनुमान ताल  के पीएसआई को इलाका भ्रमण के दौरान मुखबिर सूचना मिली कि गिरधारी गुप्ता के प्लाट में पानी टंकी के पास एक लड़का  संदिग्ध अवस्था में  एक चोरी की ग्रे रंग की एक्टिवा लिए खड़ा है।  जो भागने की कोशिश में है।  पुलिस कार्रवाई में साथ देने के लिए 2 स्वतंत्र गवाहों को तलब किया गया तथा सहमति प्राप्त की गई जो पुलिस कार्रवाई में  सहयोग देने के लिए  तैयार हुए। जिन्हें मुखबिर सूचना से अवगत कराया गया  तथा हमराह लेकर  मुखबिर द्वारा बताए  गिरधारी गुप्ता का प्लाट पहुंचे जहां पर एक लड़का एक ग्रे एक्टिवा से पुलिस को देखकर भागने की कोशिश किया, जिसको घेराबंदी कर पकड़ा गया  एवं अभिरक्षा में लेकर नाम, पता और गाड़ी के संबंध में  पूछताछ कर गाड़ी के दस्तावेज मांगे तो वह इधर उधर तांक झाक करने लगा  एवं कागजात प्रस्तुत नहीं किए । अपना नाम इमरान अली पिता हासिम अली उम्र 22 साल  बेनी सिंह की तलैया गुलाब सेठ के सामने  थाना गोहलपुर  का रहने वाला बताया।  जिससे विधिवत  पूछताछ कर  मेमोरेंडम दिनांक 13/09/2020 को  10:30 लेख किया गया। जिसमें अपने मेमोरेंडम में बताया कि आज से लगभग  छह-सात माह पहले मथुरा सेठ के बाड़ी से  रात करीब 9:30 बजे  पार्किंग वाली जगह से  यही एक्टिवा चोरी की थी  तथा सघन पूछताछ करने पर  अपने मेमोरेंडम में बताया कि काफी दिन पहले मैंने एक और गाड़ी पैशन प्रो ग्रे कलर की  जिसका रजिस्ट्रेशन क्रमांक  एमपी 20SG2055 है।  विधिवत  धारा 41( 1-4) जा. फौ. के तहत  दिनांक 13/09/2020 को  11:20 बजे जप्त किया गया  एवं मय आरोपी को  मुताबिक मेमोरेंडम के हमराह अभिरक्षा में लेकर  बताए गए स्थान पर गए जहां पर एक पैसा प्रो मिला वाहन मिला जिसमें नंबर प्लेट नहीं थी, को जब्त कर लिया गया  और आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के विरूद्ध थाना हनुमानताल अपराध क्रं. 01/2000 धारा 379 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी इमरान अली को गिरफ्तार कर न्यायालय श्रीमान्  न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी जिला जबलपुर में पेश किया गया। अभियुक्त ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री शेख वसीम के मार्गदर्शन में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती बबीता कुल्हारा द्वारा शासन की ओर से विरोध प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध करते हुए बताया कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तब आरोपी की भागने की संभावना है। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती बबीता कुल्हारा ने तर्क देते हुए बताया कि यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है, तो समाज में न्याय के विरूद्ध विपरीत संदेश पहॅुचेगा। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा व्यक्त किए गए तर्कों से सहमत होते हुए व अपराध की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी की जमानत निरस्त कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
     
    
 

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