मामा, मुन्ना, वीडी और महाराज की निगाह किरार वोट बैंक पर



ग्वालियर: मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में सबसे अधिक सीट ग्वालियर चम्बल अंचल में है और इस अंचल की कई विधानसभा सीट ऐसी हैं जहाँ किरार वोट निर्णायक भूमिका में रहता है जिनमें पोहरी, जौरा, ग्वालियर और मुरैना प्रमुख रूप से शामिल है I अभी तक माना जाता रहा है कि किरार समाज का वोट शिवराज सिंह के नाम पर भाजपा को मिलता है और ये बात सही भी है लेकिन अब कुछ वोट बैंक में कांग्रेस भी सेंध लगा सकती है क्योंकि कमलनाथ सरकार में किरार समाज के लाखन सिंह यादव केबिनेट मंत्री बनाये गए थे और मुरैना श्योपुर का प्रभार दिया गया था यही कारण है कि मुरैना में उनकी फैन फॉलोइंग बढ़ गई थी और तभी से अब तक उनके भतीजे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय सिंह क्षेत्र में सक्रिय हैं और जौरा से टिकिट की दावेदारी कर रहे हैं वहीं पोहरी में पिछली सरकार में सुरेश राठखेड़ा कांग्रेस से विधायक बने जो अब शिवराज सरकार में राज्यमंत्री हैं लेकिन कांग्रेस ने किरार समाज का प्रत्याशी मैदान में उतारने का मन बना लिया है ऐसे में भाजपा किरार समाज को साधने की कोशिश में है, हालांकि किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी हैं जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है I
लेकिन भाजपा आश्वस्त नहीं है कि ये वोट बैंक उन्हीं का है यही कारण है कि भाजपा के बड़े नेताओं ने किरार महासभा के पदाधिकारियों से मुलाकात करना शुरू कर दी है I विगत दिनों ग्वालियर प्रवास पर आये प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किरार समाज के पदाधिकारियों से बंद कमरे मुलाकात की I
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