प्रतापगढ़ -आचार्य श्री सुनील सागर जी महाराज ने कहा बातों के कारण मुल्क बटे, घर बटे और महाभारत भी बातों के कारण हुआ। लोग बिना मतलब विचार करते है। कम और काम का बोलना सोचना चाहिए। जो सच्चा होता है उसे ज्यादा बोलने की अवश्यकता नही होती। सब्जी विक्रेता की तरह सोना चांदी बेचने वाला चौराहा पर नही बैठता और न ही उसकी तरह आवाज लगाता है। सच्ची और असली वस्तु के लिए बोलना नही पड़ता। आचार्य श्री ने कहा कि अन्य गति की अपेक्षा मनुष्य गति मे कुछ अंशों में शान्ती सुख है। जो यहाँ जिन वचनों पर श्रवण-श्रद्धा करेगा तो निश्चित ही आत्मा का विकास कर लेता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
